Weather Update: मौसम विभाग के वैज्ञानिक ने बताया कब होगी दिल्ली-एनसीआर में मानसून की एंट्री
दिल्ली-एनसीआर और उसके आसपास के इलाकों में लोगों को इस समय भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं आईएमडी ने बुधवार को कहा कि मानसून 30 जून के आस-पास दिल्ली में मानसून के आने की उम्मीद है.
Weather Update: भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने गुरुवार को भविष्यवाणी की है अगले कुछ घंटों में दिल्ली एनसीआर समेत कुछ आसपास के कुछ इलाकों में हल्की-हल्की बरसात देखने को मिलेगी और हवाएं चलेगी. जिससे दिल्ली के लोगों को चिलचिलाती गर्मी से काफी राहत भी मिलेगी.
आज हो सकती है बारिश
आईएमडी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "अगले 2 घंटों के दौरान उत्तरी दिल्ली, उत्तर-पूर्वी दिल्ली, उत्तर-पश्चिम दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, मध्य दिल्ली, एनसीआर (लोनी देहात, हिंडन एएफ स्टेशन, बहादुरगढ़, गाजियाबाद, इंदिरापुरम, छपरौला) सोनीपत, रोहतक, खरखौदा (हरियाणा) बागपत, खेकड़ा, मोदी नगर, पिलखुआ (यूपी) के कुछ स्थानों पर और आसपास के इलाकों में 20-30 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवाएं और मध्यम बारिश देखने को मिलेगी.
30 जून के आसपास एनसीआर में आएगा मानसून
दिल्ली-एनसीआर और उसके आसपास के इलाकों में लोगों को इस समय भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं आईएमडी ने बुधवार को कहा कि मानसून 30 जून के आस-पास दिल्ली में मानसून के आने की उम्मीद है. मौसम विभाग ने अगले दो दिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए रेड अलर्ट भी जारी किया था. वहीं आईएमडी के वैज्ञानिक डॉ. नरेश कुमार ने एएनआई को बताया कि हमने मंगलवार को पंजाब, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और बिहार में रेड अलर्ट जारी किया था. लेकिन बुधवार को स्थिति में सुधार देखने को मिला. बिहार में तो बारिश की गतिविधि भी देखने को मिली.
पंजाब, हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर के लिए हमने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए हमने अगले 2 दिनों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. इसके साथ ही दिल्ली-एनसीआर में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद जताई है. वहीं 30 जून के आसपास मानसून के आने के उम्मीद जताई जा रही है.
इस कारण हो सकती है हीटवेव से मौत
वहीं हीटवेव के कारण लोगों की हो रही मौत को लेकर आरएमएल अस्पताल के आपातकालीन चिकित्सा विभाग के एचओडी डॉ अमलेंदु यादव ने कहा कि जिनकी मौत हुई है वह अधिकांश मरीज गरीब प्रवासी मजदूर हैं. वे अधिक शारीरिक श्रम करते है. इसलिए उन्हें हीट स्ट्रोक होने का खतरा भी अधिक बना रहता है. अधिकांश मरीज इसलिए भी मर जाते है क्योंकि वे अस्पताल पहुंचने में काफी देरी कर देते है. इसमें मृत्यु दर 60-70 प्रतिशत हो जाती है. अगर उपचार में देरी की जाए तो मौतों की संख्या काफी अधिक हो सकती है.
मजदूरों को हो रही है अधिक परेशानी
डॉक्टर ने आगे कहा कि अधिकांश मरीद मध्यम आयु वर्ग के थे. इनमें से अधिकांश मजदूर हैं. जो कि अपने परिवार के लिए कमाने वाले लोग हैं. यह मरीजों का एक समूह है. वहीं मरीजों का दूसरा समूह अपेक्षित मरीज है. जो बुजुर्ग अपने घर में अधिकतम ऊपरी मंजिल पर रहते थे. वे अपनी वृद्धावस्था के कारण जलपान का ध्यान नहीं रख पा रहे थे.
Input: Ani