मोदी सरकार में तेजी से बदली लाइफस्टाइल, भोजन से ज्यादा ऐशोआराम की चीजों पर खर्च कर रहे लोग
Household Spending: भारतीय परिवार खाने-पीने की चीजों पर कम और कपड़े, टीवी-फ्रिज और मनोरंजन की चीजों पर ज्यादा खर्च कर रहे हैं. 10 साल में ये आंकड़ा ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में तेजी से बढ़ा है.
Household Spending: सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा पिछले 10 सालों में भारतीयों के खर्च को लेकर एक रिपोर्ट जारी की गई है. जिसके अनुसार, भारतीयों का खर्च दोगुने से अधिक हो गया है. इस रिपोर्ट में सबसे हैरान कर देने वाली बात ये है कि भारतीय परिवार खाने-पीने की चीजों पर कम और कपड़े, टीवी-फ्रिज और मनोरंजन की चीजों पर ज्यादा खर्च कर रहे हैं. ये आंकड़ा ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में तेजी से बढ़ा है.
रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में भोजन पर खर्च 46.4 प्रतिशत है, जो 2011-12 में 53 प्रतिशत था. वहीं मनोरंजन की चीजों पर खपत 47 प्रतिशत से बढ़कर वर्तमान में 53.6 प्रतिशत हो गई है. वहीं अगर शहरी क्षेत्रों की बात करें तो खाद्य हिस्सेदारी पहले 42.6 प्रतिशत थी, जो घटकर 39.2 प्रतिशत हो गई. जबकि गैर-खाद्य हिस्सेदारी 57.4 प्रतिशत से बढ़कर 60.8 प्रतिशत हो गई.
ग्रामीण क्षेत्र में एक व्यक्ति का हर महीने खर्च बढ़कर 3773 रुपये हो गया है, जो 2011-2012 के पिछले सर्वे में 1430 रुपये था. वहीं शहरी क्षेत्र में हर महीने प्रति व्यक्ति खर्च बढ़कर 6459 रुपये हो गया है, जो पिछले सर्वे में 2630 रुपये था.
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भारतीय गेहूं, चावल और दालों सहित अनाज पर कम खर्च कर रहे हैं, लेकिन बेवरेज, रिफ्रेशमेंट और प्रोसेस्ड फूड पर ज्यादा खर्च कर रहे हैं. साल 2023 में, कपड़ों पर औसत घरेलू खर्च 2018 की तुलना में 20% बढ़ गया है, जबकि खाने पर खर्च केवल 10% बढ़ा है. वहीं घरेलू खर्च का आंकड़ा दोगुना हो गया है.
कन्ज्यूमर एक्सपर्ट ए. के. मिश्रा का कहना है कि भारतीयों का खर्च दोगुना होने के पीछे कई कारण हैं. दरअसल, पिछले कुछ सालों में भारतीयों की आय में भी तेजी से इजाफा हुआ है, जिसकी वजह से उनके खर्च भी बढ़े हैं.अब वो खाने की चीजों के साथ ही अपनी बुनियादी जरूरत की चीजों पर तेजी से खर्च कर रहे हैं.
फैशन एक्सपर्ट साक्षी नाग ने बताया कि भारतीयों का खर्च दोगुना होने के पीछे दूसरा बड़ा कारण यह है कि भारत में फैशन उद्योग तेजी से बढ़ रहा है. अधिक से अधिक ब्रांड भारत में प्रवेश कर रहे हैं और भारतीय उपभोक्ताओं को लुभाने के लिए विज्ञापन और मार्केटिंग पर काफी पैसे खर्च कर रहे हैं.
तीसरा कारण यह है कि भारतीय अब फैशन के प्रति पहले से ज्यादा जागरूक हो गए हैं. वो सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से नए फैशन को देखकर उसे अपनाना चाहते हैं. यही वजह है कि कपड़े सहित अन्य चीजों की खरीद में तेजी से इजाफा हुआ है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह बदलाव भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था और बदलती जीवनशैली का संकेत है. भारतीयों को अपनी जीवनशैली को संतुलित रखकर कपड़े और खाने की चीजों, दोनो पर खर्च करना चाहिए.
Input- Varun Bhasin