Delhi News: आज हमारे देश का विज्ञान चंद्रमा के उस छोर तक पहुंचा है,जहां तक दुनिया का कोई देश अभी तक नहीं पहुंच पाया है. देश में विज्ञान के क्षेत्र में लगातार ऐसी सफलताओं का बेहद सार्थक असर हुआ है. अब जो संस्थाएं एक सीमित तौर पर भारत में विज्ञान के लिए काम करती थी, आज वह देश के हर बच्चे तक पहुंचाने की कोशिश कर रही है. , जिन्हें विज्ञान में रुचि है, जो भविष्य में देश के विज्ञान के क्षेत्र में कुछ करना चाहते हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इसके लिए देश की दो बड़ी संस्थाएं आगे आकर भारत के छात्रों के लिए एक नई योजना लेकर आई है- ISRO India और Centre for Knowledge Sovereignty के साझा प्रयास से एक नया प्रोग्राम लॉन्च किया गया है.  MMGEIS (Master Mentors Geo Enabling Indian scholars) यह प्रोग्राम आठवीं क्लास से लेकर अंडरग्रैजुएट की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए है. 


ये भी पढ़ें: कुर्बानी के लिए रहो तैयार, खत्म नहीं हुई लड़ाई, खटकड़ टोल पहुंच किसानों से बोले ढांड


इस प्रोग्राम का उद्देश्य यह है कि पूरे भारत से हर साल तकरीबन 1 लाख बच्चे इससे जुड़े, वह जिओ स्पेशल टेक्नोलॉजी के बारे में जानें. Geo स्पेशल टेक्नोलॉजी आजकल आधुनिक विज्ञान से लेकर पर्यावरण विज्ञान के विकास के लिए भी अहम योगदान रहता है. ऐसे में इस प्रोग्राम का उद्देश्य यह है कि नई युवा पीढ़ी Geo special के बारे में जानें. इसके लिए प्रोग्राम में बच्चों को गाइड करने के लिए देश के बड़े-बड़े साइंटिस्ट होंगे जो इन बच्चों को बताएंगे की इस टेक्नोलॉजी के पीछे की क्या-क्या बातें हैं. साथ ही साथ उन बच्चों से भी आइडिया लिया जाएगा, जिससे कि आने वाले दिनों में भारत का विज्ञान और मजबूत हो.


इस प्रोग्राम में एक लाख बच्चों को लिया जाएगा, जिसमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा बच्चों को पढ़ाया जाएगा, यह प्रोग्राम बिल्कुल फ्री है और इसमें सरकारी या प्राइवेट किसी भी स्कूल का छात्र रजिस्ट्रेशन कर सकता है. इस कार्यक्रम को दिल्ली में लॉन्च कर दिया गया है. लॉन्चिंग के मौके पर इसरो के पूर्व अध्यक्ष एएस किरण कुमार भी मौजूद थे. प्रोग्राम के लांच होने के बाद सभी ने भरोसा जताया कि ऐसे प्रोग्राम से विज्ञान के प्रति छात्रों में रुचि और बढ़ेगी और इसका फायदा आने वाले दिनों में साफ देखने को मिलेगा. 


Input: Mukesh Singh