AAP Goverment: दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने दिल्ली में भारतरत्न डॉ भीमराव अंबेडकर के नाम से ‘अंबेडकर सम्मान स्कॉलरशिप’ योजना शुरू करने का ऐलान किया है. इससे दलित बच्चों में नई ऊर्जा भी आई है
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Delhi News: दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने दिल्ली में भारतरत्न डॉ भीमराव अंबेडकर के नाम से ‘अंबेडकर सम्मान स्कॉलरशिप’ योजना शुरू करने का ऐलान किया है. इससे दलित बच्चों में नई ऊर्जा भी आई है. हालांकि इस घोषणा का ऐलान करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते दिनों संसद में अंबेडकर के अपमान होने की घटना की भी याद दिलाई. वजह चाहे जो भी हो, मेधावी दलित बच्चों को प्रोत्साहन मिलेगा, इसमें कोई संदेह नहीं है.
स्कॉलरशिप के पात्र
अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की है कि दलित बच्चा अगर दुनिया के किसी भी यूनिवर्सिटी में दाखिला ले लेता है तो उसे आगे पढ़ने-लिखने से लेकर फीस आदि सारा खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी. कोई भी दलित प्रतिभा इस वजह से दबी नहीं रहेगी कि उसके पास संसाधन नहीं हैं. संसाधन देने का काम दिल्ली की सरकार करेगी. इसका मतलब यह है कि अगर किसी परिवार के पास धन नहीं है लेकिन मन है कि वो आगे पढ़ाई करें तो उनके लिए दिल्ली सरकार पूरी तरह से खड़ी है.
स्कूली बच्चे भी पाते हैं सहायता
एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक वर्ग के स्टूडेंट्स के लिए स्टैंडर्ड वन से लेकर 10 तक स्कॉलरशिप योजनाएं चल रही हैं. एक लाख से कम आमदनी वाले इन वर्गों के बच्चों में स्टैंडर्ड वन से लेकर स्टैंडर्ड 10 तक स्टेशनरी आदि जोड़कर 450 रुपये और क्लास 6 से क्लास 8 तक के बच्चों में 55% से 60% तक अंक लाने पर 750 रुपये सालाना दिए जाते हैं.
दिल्ली के मॉडल टाउन में रहने वाले केशव भारती एससी वर्ग से हैं. उनके दो बच्चे पढ़ रहे हैं. एक 8वीं में और दूसरा 11वीं में है. वो बताते हैं कि उनके बच्चे ठीक ठाक परफॉर्म करते हैं और उन्हें 8वीं में पढ़ रहे एक बच्चे के लिए 720 रुपये और 11वीं में पढ़ने वाले दूसरे बच्चे के लिए 2040 रुपये मिलते हैं. यह रकम 2760 रुपये होती है. वास्तव में स्टैंडर्ड 9 और 12 की कक्षाओं में वंचित तबके(एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक वर्ग ) के बच्चों को 55 से 60% नंबर लाने पर 1620 रुपये और 60 प्रतिशत से अधिक नंबर लाने पर 2040 रुपये मेरिट स्कॉलरशिप दी जाती है. इसी तरह 11वीं और 12वीं में 50 प्रतिशत अंक लाने वाले वंचित तबके के बच्चों की पूरी फीस माफ होती है जबकि 60 हजार से 1 लाख तक के आय वर्ग में 50% अंक लाने पर केवल 25 फीसदी ही फीस देना होता है. बाकी सरकार देती है.
हायर एजुकेशन में 13,320 रुपये सालाना स्कॉलरशिप
प्रकाश राज डीयू में पढ़ते हैं. अंग्रेजी में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहे हैं. हॉस्टल भी मिला हुआ है. उन्होंने बताया कि 1110 रुपये की स्कॉलरशिप प्रति माह उन्हें मिलती है. साल में 13,320 रुपये प्राप्त हो जाते हैं. दिल्ली की सरकार में हायर एजुकेशन स्कॉलरशिप के तहत ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और प्रोफेशनल कोर्स के लिए वंचित तबके के छात्रों को 1 लाख से कम आय वाले वर्ग में रहने पर होस्टल में रहकर पढ़ने वाले स्टूडेंट को 1110 रुपये प्रति माह की स्कॉलरशिप दी जाती है. प्रोफेशनल कोर्सेज के लिए यही रकम 930 रुपये प्रतिमाह है. पीजी लेवल पर भी 1110 रुपये प्रतिमाह दी जाती है. वहीं प्रतियोगिता परीक्षाओं में भी दिल्ली सरकार एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चों को सहायता देती है. फ्री कोचिंग कराई जाती है और इसके साथ-साथ 250 रुपये प्रति माह की सहायता भी की जाती है. स्कॉलरशिप की तमाम योजनाओं को अगर जोड़े तो अधिकतम किसी छात्र को 60 से 70 हजार रुपये से ज्यादा की मदद मिल जाती है. अगर परिवार में दो बच्चे हों तो यह रकम प्रति परिवार सवा लाख से डेढ़ लाख के करीब हो जाती है. ये मदद एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र-छात्राओं को प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा के दौरान मिलती है. हालांकि यह रकम सबको नहीं मिलती.
चुनावी सियासत में अहम हैं दलित वोटर
दिल्ली में 17 प्रतिशत दलित हैं. 70 में से 12 विधानसभा सीटें दलितों के लिए सुरक्षित हैं. दलित और मुस्लिम मिलाकर लगभग 30 प्रतिशत आबादी हो जाती है. इनका सम्मिलित प्रभाव भी करीब 22-23 विधानसभा सीटों पर निर्णायक हो जाता है. इस वजह से राजनीति में होड़ रहती है कि इस वर्ग को प्रभावित करने की. फिलहाल आम आदमी पार्टी जो सत्ता में है इस वर्ग का समर्थन बचाने की जद्दोजहद में जुटी है. इसके लिए एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक वर्ग के लिए सरकारी योजनाओं का शोकेस कर रही है. सरकारी योजनाओं से मिल रहे प्रत्यक्ष लाभ के असर को कौन खत्म कर सकता है? इसी का फायदा अरविंद केजरीवाल को मिल रहा है और चुनाव में भी मिल सकता है. अरविंद केजरीवाल दलितों के बीच प्रतिभाओं को उभारने के लिए पूरी मदद की स्कीम पर चलना चाहते हैं. दलित प्रतिभाओं को विदेश भेजने का उनका एलान इसी योजना का हिस्सा है. अंबेडकर सम्मान योजना के जरिए वास्तव में एक कदम बढ़ाया गया है. केजरीवाल को उम्मीद है कि दलित समाज को शिक्षित करने में सरकारी प्रोत्साहन जरूर भूमिका निभाएंगे.