INSAT-3DS Mission:ISRO का नॉटी बॉय सेटेलाइट आज होगा लॉन्च, एस सोमनाथ ने मंदिर में की सफलता की कामना
ISRO INSAT-3DS Mission: ISRO आज मौसम संबंधी उपग्रह इनसेट-3डीएस (INSAT-3DS) को लॉन्च करेगा, इस सेटेलाइट को नॉटी बॉय नाम दिया गया है.
ISRO INSAT-3DS Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) आज मौसम संबंधी उपग्रह इनसेट-3डीएस (INSAT-3DS) को लॉन्च करेगा. INSAT-3DS की लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से शाम 5.30 बजे की जाएगी. इससे पहले इसरो चीफ एस सोमनाथ आंध्र प्रदेश के सुल्लुरपेट में श्री चेंगलम्मा मंदिर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने बताया कि यह उपग्रह पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के लिए बनाया गया है.
इनसैट सीरीज
इंडियन नेशनल सैटेलाइट सिस्टम (INSAT) एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे बड़ी घरेलू संचार उपग्रह प्रणालियों में से एक है, जिसे भारत की कम्युनिकेशन, टेलीकास्ट, मौसम विज्ञान और सर्च एंड रेस्क्यू जैसी जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाया गया है. इसकी शुरुआत साल 1983 में की गई. कर्नाटक के हासन और मध्य प्रदेश के भोपाल से इस सैटलाइट को कंट्रोल किया जाता है. इस सीरीज के अब तक 6 सेटेलाइट लॉन्च किए जा चुके हैं.
INSAT-3DR
INSAT-3DR इस सीरीज का आखिरी सेटेलाइट है, जिसे साल 2016 में लॉन्च किया गया. इस सेटेलाइट का मुख्य काम मौसम का अवलोकन, भविष्यवाणी व किसी भी आपदा की निगरानी करना है. यह सैटेलाइट अभी पृथ्वी की सतह और समुद्र से किए जाने वाली लॉन्चिंग की निगरानी कर रहा है. वर्तमान में अहमदाबाद में इसकी डेटा प्रोसेसिंग की सुविधा उपलब्ध है.
INSAT-3DS
मौसम संबंधी उपग्रह इनसेट-3डीएस (INSAT-3DS) के क्रियान्वित होने के बाद इससे मौसम की सटीक जानकारी मिल सकेगी. इससे पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के विभाग जैसे भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD), नेशनल सेंटर फॉर मीडियम-रेंज वेदर फोरकास्टिंग, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मौसम विज्ञान, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी, इंडियन नेशनल सेंटर फॉर ओशन इन्फॉर्मेशन सर्विसेज सहित सभी संस्थान मौसम पूर्वानुमान संबंधी सेवाएं प्रदान करने के लिए 3D सैटेलाइट डेटा की मदद ले सकेंगे.
नॉटी बॉय
इसरो ने इस सेटेलाइट को नॉटी बॉय नाम दिया गया है. इसरो को अनुसार, GSLV रॉकेट से यह 16वां मिशन है, इसले पहले के 15 मिशन में 11 में सफलता मिली है और केवल 4 असफल हुए हैं, यही वजह है कि इसे नॉटी बॉय नाम दिया गया है. इसका वजन 2274 किलोग्राम है. यह 51.7 मीटर लंबा रॉकेट इमेजर पेलोड, साउंडर पेलोड, डेटा रिले ट्रांसपोंडर और सैटेलाइट एडेड सर्च एंड रेस्क्यू ट्रांसपोंडर ले जाएगा.