Janmashtami 2022: हिंदू धर्म के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. इस साल 19 अगस्त को देशभर के सभी कृष्ण मंदिरों जैसेः- मथुरा,  वृंदावन, द्वारका बने मंदिरों समेत तमाम कृष्‍ण मंदिरों में धूमधाम से जन्‍माष्‍टमी मनाई जाएगी.


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ज्योतिष के अनुसार, आज के दिन 8 बेहद शुभ योग बन रहे है. ऐसा शुभ संयोग 400 साल बाद बन रहा है. इसलिए इस जन्‍माष्‍टमी पर विधि-विधान से पूजा करने का बेहद शुभ फल मिलेगा. तो चलिए जानते हैं आज का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और शुभ संयोग के बारे में.


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आज का जन्‍माष्‍टमी शुभ मुहूर्त


जन्‍माष्‍टमी की पूजा करने के लिए 19 अगस्‍त, 2022 की मध्‍य रात्रि 12:05 से 12:45 बजे तक केवल 40 मिनट का मुहूर्त है.


8 शुभ योग- ध्रुव, छत्र, महालक्ष्मी, बुधादित्य योग, हर्ष, कुलदीपक, भारती, सत्कीर्ति राज योग बन रहे हैं. जन्‍माष्‍टमी के दिन इतने सारे एक साथ शुभ योग 400 साल बाद बन रहे हैं. इस कारण यह जन्‍माष्‍टमी बेहद खास और शुभ मानी जा रही है.  


आज है श्रीकृष्ण का 5249वां जन्मोत्सव


पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्‍ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की मध्यरात्रि को हुआ था. इसलिए आज भगवान श्रीकृष्ण का 5249वां जन्म उत्सव है. भगवान कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में होने की वजह से श्रीकृष्‍ण की कुंडली में वृष लग्‍न, वृष राशि है. इसलिए आज जन्‍माष्‍टमी के शुभ मुहूर्त के समय चंद्रमा वृष राशि और वृष लग्‍न में रहेगा. यह भी एक बेहद शुभ संयोग है.


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आज की पूजन सामग्री


भगवान श्रीकृष्ण की पूजा के वक्त शंख, पंच पात्र, केसर, गंगाजल, चंदन, दूध, दही, घी, शहद, मेवा, खांड, 56 भोग, वस्त्र, सिंगार का समान, मोरमुखुट, धूप, दीपक, कपूर, इलायची, कमल के फूल, माखन, मिश्री और तुलसी का होने जरूरी है.


पंचामृत कैसे बनाएं?


एक चांदी के पात्र में दूध लें


दूध के बराबर दही मिलाएं


दूध दही में दूध का दसवां हिस्सा घी मिलाएं


घी से दुगना शहद और अंत में शहद के बराबर देशी खांड मिलाएं


इन सब को चांदी के पात्र में रखकर शंख में डालें और शंख के द्वारा भगवान का अभिषेक करें


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आज की जन्माष्टमी पूजन विधि


आज के दिन सुबह सबसे पहले उठकर स्नान करें. इसके बाद घर और घर में बने मंदिर की साफ-सफाई करें और गंगाजल से पवित्र करें. इसके बाद भगवान का ध्यान करें और आवहन करें. इसके बाद पंचामृत को शंख में डाल कर भगवान को स्नान कराएं. शुद्ध जल से स्नान कराएं. वस्त्र और सिंगार का समान मोरमुकुट समर्पित करें.


इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण भगवान को पुष्प और फूलों की माला अर्पित करें. इसके बाद धूप दीप दिखायें और नैवेघ समर्पित करें. खासकर के माखन मिश्री के साथ तुलसी जरूर चढ़ाएं, आरती और पुष्पाजंली करें. अंत में प्रसाद और चरणामृत ग्रहण करें.