Faridabad News: एक तरफ जहां विपक्षी गठबंधन को मजबूत करने के लिए बैठकें हो रही हैं, वहीं गठबंधन में शामिल पार्टियां के बीच राज्यों में रस्साकशी भी दिखने लगी है. मध्य प्रदेश और पंजाब में गठबंधन टूटने की कगार पर पहुंच चुका है, जबकि हरियाणा में भी कांग्रेस अपने दम पर अकेले चुनाव की तैयारी करती दिखाई दे रही है. उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव इंडिया गठबंधन में महत्व न मिलने के कारण नाराज दिखाई दे रहे हैं.


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कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच तल्खी बढ़ती ही जा रही है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि अगर हमें पता होता कि विधानसभा स्तर पर गठबंधन नहीं है तो हम न तो मीटिंग में जाते और न ही कांग्रेस नेताओं के फोन उठाते. इस बीच हरियाणा के फरीदाबाद में एक निजी कार्यक्रम में पहुंचे आरएलडी मुखिया और राज्यसभा सदस्य जयंत चौधरी से गठबंधन में छिड़ी रार पर अपनी राय रखी.


अखिलेश यादव इंडिया गठबंधन से नाराज नजर आ रहे हैं इस सवाल पर जयंत चौधरी ने कहा कि घर में भाई भी तो आपस में नाराज होते हैं. अगर नाराजगी जाहिर नहीं करेगा तो हक कैसे मिलेगा. कांग्रेस की जिम्मेदारी बनती है कि सबको साथ लेकर चलें, अच्छा होता अलायंस में अखिलेश पार्टी को भी शामिल करते.


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जयंत चौधरी ने कहा कि पहली बार इस तरीके का प्रयास हो रहा है. जब इतनी पार्टी इकट्ठा हुई हैं, कुछ तो समस्या होंगी. हर एक दल चाहता है कि हमारा विस्तार हो, सारे चुनाव हम सब लोग लड़े, जो कभी-कभी संभव नहीं हो पाता. विधानसभा के स्तर पर भी इस तरह का समन्वय बनाना कठिन है, लेकिन जब राष्ट्र का सवाल होगा,देश का चुनाव होगा तो हम सब एक हैं.


मोदी सरकार के 10 साल के विकास को क्या इंडिया गठबंधन टक्कर दे पाएगा? इस सवाल का जवाब देते हुए जयंत चौधरी ने कहा कि 10 साल में ऐसा कौन सा विकास हो गया, किसके घर में रौनक आ गई. आज से 10 साल पहले जो लोगों की बचत होती थी, घर-घर में जो कमाई करके बाजारों में जाकर खर्च किया करते थे. आज वह क्रयशक्ति किसी घर में नहीं है. किसानों को वादा किया था कि आय दोगुनी हो जाएगी. 100 स्मार्ट शहर बन जाएंगे, हर गरीब को पक्का मकान मिल जाएगा. यह तीन बातें ही सरकार ने पूरी की हों तो बताइए. ल


हरियाणा के जाट नेता ओमप्रकाश धनखड़ को आखिरी समय में प्रदेश अध्यक्ष पद से बदल दिया गया है इसका जवाब देते हुए जयंत चौधरी ने कहा कि यहां बहुत किस्मत वाले लोग होते हैं. यह तो आम आदमी भी मानता है कि इतनी अच्छी किस्मत किसी की भी नहीं होती. हरियाणा में मुख्यमंत्री पहली बार विधायक बने, इससे पहले इनका गवर्नेंस का कोई ट्रैक रिकॉर्ड नहीं था. पार्टी में इन्होंने क्या किया, कोई नहीं जानता था. बीजेपी के कोई पुराने कार्यकर्ता भी नहीं थे. मुख्यमंत्री बनने का कोई नाम भी नहीं चल रहा था. अमित शाह ने आकर कहा था कि जाट मुख्यमंत्री नहीं बनने देंगे और उसके बाद मनोहर लाल मुख्यमंत्री बन गए. अब हरियाणा के लोग विवेकपूर्ण तरीके से सोच-समझकर फैसला लेंगे और बीजेपी को सत्ता से बाहर करने का काम करेंगे.


Input- Amit Chaudhary