Kaithal News: हरियाणा के कैथल जिले के गांव बदराना में लगभग 800 घर हैं, जिसमें से 400 लोग पैसे कमाने के लिए विदेश जा चुके हैं. इस गांव में रहने वाला हर युवक विदेश जाकर पैसे कमाना चाहता है, जो कई बार उनके लिए जानलेवा साबित होती है. डंकी रूट से विदेश ले जाने का दावा करके एजेंट लोगों से मोटी रकम वसूलते हैं, लेकिन वो लोगों को सुरक्षित विदेश नहीं पहुचा पाते. हाल ही में बदराना से एजेंट की मदद से जर्मनी जाने वाले युवक की बेलारूस में मौत हो गई. अब परिजन सरकार से युवक का शव मंगाने के लिए गुहार लगा रहे हैं. 


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कैथल के बदराना गांव के रहने वाले विशाल ने साल 2023 को पैसे कमाने के लिए विदेश जाने का फैसला किया. उसने करनाल के एजेंट सुखदेव से संपर्क किया और लगभग साढ़े 7 लाख रुपये में बात तय हो गई. एजेंट ने उसकी बात सीधी इटली में बैठे अंकित नाम के एजेंट से करवाई और आगे से अंकित ही बाहर भेजने के इस मामले को डील करने लगा. एजेंट अंकित इटली में रहता है और उसका परिवार गांव ओगंद में रहता है. बाहर के मामलों की सारी डील उसका परिवार और गांव के सरपंच करते हैं. विशाल के परिवार वालों से डील के तहत तय हुए रुपयों का भुगतान कर दिया.


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अगस्त 2023 में विशाल को जहाज में बिठाकर मास्को (रूस) को भेज दिया गया, लेकिन 1 साल तक वो रूस में ही अटका रहा. परिवार के लोग उसे रहने-खाने का खर्चा भेजते रहे. अगस्त 2024 में एजेंट अंकित ने उसे डंकी के रास्ते जर्मनी भेजने की कोशिश की, लेकिन बॉर्डर पर सख्ती होने की वजह से वो बॉर्डर पर न कर सका. इस दौरान उसके पैर में चोट भी लग गई. विशाल ने 6 अगस्त को अपने परिवार को फोन किया और बताया कि उसके पैर में चोट लग गई है, अब वह आगे नहीं जाना चाहता. विशाल ने एजेंट से बात करके उसे वापस इंडिया बुलाने की बात कही. परिजनों के कहने पर एजेंट ने विशाल को वापस लाने के लिए हामी भर दी. उसने कहा कि मैं टिकट करवा दूंगा और वह सुरक्षित भारत वापस आ जाएगा.


इसके बाद परिजनों की विशाल और एजेंट से कोई बात नहीं हुई. 22 अगस्त को बेलारूस दूतावास से कैथल के लघु सचिवालय में एक मेल आया, जिसमें बताया गया कि विशाल की मौत हो गई है.  उसके पासपोर्ट नंबर में पूरी जानकारी दी गई है, इसकी पुष्टि करें अन्यथा बेलारूस सरकार उसका अंतिम संस्कार कर देगी. सचिवालय से सूचना लेकर पुलिस विशाल के घर गांव बंदराना पहुंची. विशाल की मौत की खबर मिलते ही घर में मातम छा गया. परिजन सरकार से शव को भारत लाने की गुहार लगा रहे हैं. 


जांच की मांग
परिजनों की मांग है कि विशाल की मौत की जांच हो, क्योंकि 6 अगस्त को उसने पैर में चोट लगने की बात कही थी और बेलारूस दूतावास के अनुसार 7 अगस्त को उसकी मौत हो गई. परिजनों  का कहना है कि एजेंट को अगर यह सारी बात पता थी तो उसने 7 तारीख से लेकर अब तक परिवार को धोखे में क्यों रखा. अगर दूतावास से कोई सूचना नहीं आती तो उन्हें कभी नहीं पता चलता कि उनके बेटे के साथ क्या हुआ है. परिवार को शक है कि एजेंट के कारण ही उनके बेटे की मौत हुई है, इसलिए वह जांच की मांग कर रहे हैं. एजेंट अंकित जो इटली में बैठा है और उसके दो व्यक्ति जो गांव ओगंद जिला करनाल में रहते हैं सतपाल और सियाराम उन सभी पर कार्रवाई की जाए. 


इस बारे जब कैथल के पुलिस अधीक्षक राजेश कालिया ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है और इस पर कार्रवाई की जाएगी.परिवार की जो भी मदद हो सकती है वह की जाएगी. इस दौरान उन्होंने लोगो से एजेंट के बारे में अच्छी तरह से जांच-पड़ताल करके ही अपने बच्चों को बाहर भेजने की अपील की. 


Input- Vipin Sharma


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