Kaithal Crime: कैथल के गांव नोच में पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank) की शाखा का कैशियर के फ्रॉड करने का मामला सामने आया है. जहां कैशियर रामवीर ने बैंक में आने वाले उपभोक्ताओं के 1 करोड़ 70 लाख रुपये का फ्रॉड करने के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. फ्रॉड लगभग डेढ़ साल से इस काम को अंजाम देता आ रहा था. ऐसा कहा जा रहा है कि यह मामला और भी बड़ा हो सकता था. फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है.
बता दें कि जो लोग बैंक में पैसे जमा कराने आते थे, कैशियर उन्हें रसीद दे देता था, लेकिन उनके खाते में पैसे जमा नहीं करता था. गांव के ही एक उपभोक्ता ने जब अपने खाते को चेक करवाया तो पता चला कि उसके खाते में तो पैसे हैं नहीं आए. इसकी शिकायत उसने बैंक मैनेजर को दी और यह बात पूरे गांव में आग की तरह फैल गई. जिससे लोगों की भीड़ बैंक में इकट्ठा हो गई और लोग अपने खाते की जानकारी लेने लगे. अभी तक 23 शिकायतें आई हैं जिनकी जांच चल रही है. फिलहाल यह जानकारी मिली है कि इस कैशियर ने तकरीबन एक करोड़ 70 लाख रुपये लोगों के उड़ाए हैं.
बता दें कि आरोपी कैशियर रामवीर ऑनलाइन सट्टा लगाने वाली गेम में पैसे इन्वेस्ट करता था और यह काम लगभग पिछले डेढ़ साल से कर रहा था. इस तरह का गलत काम का भेद खुलते ही वह बैंक से फरार हो गया था. लोगों की शिकायत मिलने पर बैंक मैनेजर ने सदर थाने में इस कैशियर की शिकायत दर्ज करवाई थी. जहां पुलिस ने इसे आज गिरफ्तार कर लिया है और अदालत में पेश कर रिमांड ली जाएगी, जिससे की इससे पूछताछ की जा सके कि अभी तक इसने कितने रुपये का गबन किया है.
कैशियर लोगों की मोटी रकम जमा करने के बाद यह कह देता था कि सर्वर डाउन है. पैसे जमा हो गए हैं और यह कहकर रसीद दे देता था. जिसकी ऑफिशल कॉपी अपने पास रख लेता था और जब लोगों इसका मैसेज नहीं मिलता था तो अक्सर कह दिया जाता था कि कोई टेक्निकल फाल्ट होगा. लोगों ने कभी बैंक पर शक नहीं किया, लेकिन कल एक मामले का खुलासा होने के बाद सारा भंडा फूट गया और लोग बैंक में आकर अपने खाते चेक करने लगे. जिसे देखकर यह कैसियर रामवीर फरार हो गया था. आज पुलिस ने इसे गिरफ्तार कर लिया है.
अब उन लोगों के ऊपर संकट बना है जिन लोगों ने बैंक में पैसे तो जमा करवाएं, लेकिन अपनी रसीद संभाल कर नहीं रखी या रसीद ली ही नहीं क्योंकि बैंक की ऑफिशियल कॉपी इस आरोपी कैशियर ने अपने पास रख कर खत्म कर दी. इसलिए बैंक के पास लोगों को दिखाने के लिए कोई सबूत नहीं होगा कि उन्होंने बैंक में पैसा जमा कराया था. यह मामला पिछले डेढ़ वर्ष से चल रहा है इसलिए लोगों को भारी चुना लगने की आशंका बनी हुई है.
Input: विपिन शर्मा