Ravan Dahan 2023: कैथल में पाकिस्तान से भारत आए परिवार ने शुरू की रावण दहन की अनूठी परंपरा, जानें इसकी खासियत
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Ravan Dahan 2023: कैथल में पाकिस्तान से भारत आए परिवार ने शुरू की रावण दहन की अनूठी परंपरा, जानें इसकी खासियत

Ravan Dahan 2023: हरियाणा के कैथल में पाकिस्तान से भारत आए परिवार द्वारा एक अनूठी परंपरा शुरू की गई है, इसके अनुसार जब तक हनमान जी के स्वरूप गदा से रावण के शरीर पर प्रहार नहीं करते तब तक रावण दहन नहीं होता है.

 

Ravan Dahan 2023: कैथल में पाकिस्तान से भारत आए परिवार ने शुरू की रावण दहन की अनूठी परंपरा, जानें इसकी खासियत
Ravan Dahan 2023: आज देशभर में दशहरा का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. बुराई पर अच्छाई की जीत के इस पर्व के दिन लोग रावण का दहन करके उत्सव मनाते हैं. देशभर में सभी जगह रावण दहन की तैयारियां की गई हैं. हरियाणा के कैथल में अनूठी परंपरा के साथ दशहरे का त्योहार मनाया जाता है, जहां जब तक हनमान जी के स्वरूप  गदा से रावण के शरीर  पर प्रहार नहीं करते तब तक रावण दहन नहीं होता है. 
 
कैथल में दशहरे का त्योहार में एक खास तरह की परंपरा मनाई जाती है. इस परंपरा के तहत कुछ युवक प्रभु हनुमान का स्वरूप अपने शीश पर धारण करने के बाद पूरे शहर में घूमते हैं. परंपरा के अनुसार जब तक यह स्वरूप अपनी गदा से रावण के शरीर पर प्रहार नहीं करते तब तक रावण दहन नहीं होता है. यह परंपरा भारत की आजादी के बाद पाकिस्तान से कैथल आए लोगों द्वारा शुरू की गई है. जो लड़के हनुमान जी का स्वरुप धारण करते हैं वह 40 दिन का व्रत रखते हैं, घर से बाहर रहते हैं और जमीन पर सोते हैं. वो केवल एक समय फलाहार की सेवन करते हैं. 40 दिन के बाद दशहरे के दिन ये सब लोग पूजा-अर्चना करने के बाद अपने शीश पर हनुमान जी का रूप  धारण करते हैं. इन स्वरूपों की लंबाई 3 फुट से लेकर 12 फीट तक होती है.
 
 
40 दिनों का कठिन तप करने वाले भगवान हनुमान के इन स्वरूपों को धारण करने वाले लोगों को गांव के लोग अपने घरों में आमंत्रित करते हैं और उनके सामने मन्नत मांगत हैं. ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से लोगों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. 
 
मिली जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान से भारत आई ये परंपरा कैथल और पानीपत में ही प्रचलित है. इन दोनों जिलों में इन स्वरूपों की निर्माण होता है. जो भी इन स्वरूपों का निर्माण करता है वह खुद भी 40 दिन का व्रत करता है. बड़ी शुद्धता के साथ इनको बनाया जाता है, यह स्वरूप ढोल नगाड़ों के साथ नाचते हुए पूरे शहर में घूमते हैं. रावण दहन से पहले यह अपनी गदा  से रावण के शरीर पर प्रहार करते हैं उसके बाद ही रावण का दहन होता है.
 
भिवानी में ग्रीन पटाखों से मनाया जाएगा दशहरा का जश्न
भिवानी में अग्रसेन रामलीला कमेटी के द्वारा रामलीला का आयोजन व पुतला दहन का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. हर बार की तरह इस बार भी यहां काफी संख्या में लोग एकत्रित होंगे. भिवानी में इस बार भी रावण, मेघनाथ व कुंभकर्ण के तीन पुतले जलाए जाएंगे. साथ ही प्रदूषण न हो इसके लिए ग्रीन पटाखे जलाए जाएंगे.
 
Input- Vipin Sharma