Kaithal News: हरियाणा के कैथल में आज क्षत्रिय समाज ने महापुरुषों के सम्मान में महाकुंभ का आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने क्षत्रियों राजाओं के इतिहास के साथ हो रही छेड़छाड़ के लिए सभा बुलाई. वहीं उन्होंने भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने की भी चेतावनी दी.
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Kaithal News: कैथल में आज महापुरुषों के सम्मान में क्षत्रिय समाज द्वारा महाकुंभ का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर से क्षत्रिय समाज के लोग इकट्ठा हुए और एक स्वर में क्षत्रिय समाज के इतिहास के साथ जो छेड़छाड़ हो रही है, उसके विरोध में अपनी आवाज बुलंद की. उन्होंने कहा कि इतिहास के साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
कार्यक्रम के क्षत्रिय संघर्ष समिति के अध्यक्ष कर्नल देवेंद्र राणा वीर चक्र ने कहा कि यह आंदोलन किसी पार्टी का नहीं है. यह हमारे इतिहास और मान सम्मान को बचाने की लड़ाई है. हमारे इतिहास के साथ जो छेड़छाड़ की जा रही है, उसे हम किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं करेंगे.
कैथल की घटना का जिक्र करते हुए कर्नल देवेंद्र राणा ने कहा कि 19 जुलाई को कैथल में राजपूत समाज के युवकों ने शांतिपूर्ण तरीके से अपना प्रदर्शन किया था, लेकिन प्रशासन ने उनके ऊपर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े, जिसकी कोई आवश्यकता नहीं थी, क्योंकि युवाओं ने कोई हिंसक प्रदर्शन नहीं किया था. लोकतंत्र में शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करना सभी का अधिकार है. उसको कोई मना नहीं कर सकता.
धारा 144 की उड़ाईं थी धज्जियां
अगले दिन 20 जुलाई को 11 बजे सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण होना था. धारा 144 लगी हुई थी, उसके बावजूद यहां के विधायक लीलाराम और भाजपा के जिला अध्यक्ष अशोक गुर्जर जो दोनों ही गुर्जर समाज के हैं. उन्होंने पुलिस के बल पर सुबह 7 बजे यह अनावरण कर दिया. धारा 144 की धज्जियां उड़ा दी. उन्होंने आगे कहा कि महापुरुष पूरे समाज के होते हैं, किसी एक समाज के नहीं होते और महापुरुषों के नाम के सामने जाति सूचक शब्द लगाना गलत है. ऐसा नहीं होना चाहिए.
इस विवाद को लेकर मुख्यमंत्री के सामने दोनों समाज के लोगों की बात हुई. वहां पर गुर्जर समाज के लोगों ने गुर्जर शब्द हटाने पर सहमति दे दी थी, परंतु कुछ देर के बाद उन्होंने इससे इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि हमारे ऊपर समाज का दबाव है. हम ऐसा नहीं कर सकते.
मैं आपको बता दूं कि गुर्जर समाज और राजपूत समाज का आपसी भाईचारा है. हमारे अंदर कोई भेदभाव नहीं है, परंतु यह बीजेपी और आरएसएस के जो लोग हैं. यह सब इनका किया धरा है. मैं आज भी गुर्जर समाज के लोगों को कहता हूं कि आई हमारे साथ बैठिए और गुर्जर शब्द हटा दीजिए. हम एक साथ जाकर सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा पर माला अर्पण करेंगे और उन्हें नमन करेंगे. हम नहीं चाहते यह विवाद आगे बढ़कर हमारे भाईचारे को खराब करें.
2024 में दिखाएंगे बाहर का रास्ता
सरकार को हमने मांग पत्र दिया था, परंतु सरकार ने हमारी किसी बात को नहीं माना है. सरकार ने हमारी अनदेखी की है, जो इस घटनाक्रम में शामिल है. उन पर न तो कोई कार्रवाई की गई है न ही किसी अधिकारी को सस्पेंड किया गया है. आज के बड़े फैसले पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हम आज से ही भाजपा के खिलाफ हैं. उन्हें वोट नहीं देंगे और 2024 में बीजेपी को सत्ता से बाहर कर देंगे, क्योंकि इन्होंने हमारे साथ धोखा किया है. हमारे इतिहास के साथ छेड़छाड़ की है. इन्होंने अंग्रेजों की तरह फूट डालो और राज करो की नीति अपनाई है.
हिंदू/मुस्लिम, राजपूत/गुर्जर, जाट/नॉन जाट, दलित/स्वर्ण यह सब बीजेपी के राज में होता है. पहले ऐसा कभी नहीं होता था. यह हमें राष्ट्रवाद सिखा रहे हैं. मैंने 1971 की लड़ाई में अपना खून दिया है. मुझे इनके प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है. यह लोग पूरे देश को बहका रहे हैं.
शेर सिंह राणा संयोजक राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी ने कहा कि आज क्षत्रिय समाज का कैथल में महाकुंभ है और पूरे देश से लाखों की संख्या में लोग यहां पहुंच रहे हैं. आज के इस महाकुंभ का मुख्य उद्देश्य है कि हमारा जो इतिहास चोरी किया जा रहा है और हमारे महापुरुषों के सम्मान को नीचे गिरने का काम किया जा रहा है. आज इस मंच से सरकार के खिलाफ एक बड़ा बिगुल बजाने का काम करेंगे.
कमल का फूल हमारी भूल
महिपाल सिंह राणा राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि आज का यह जन सैलाब इतिहास चोरी के खिलाफ खड़ा हुआ है और जहां भी इतिहास के खिलाफ बात होगी. इतिहास के साथ तोड़ मरोड़ होगी, उसके खिलाफ हम वहां पर खड़े होंगे. कैथल गलत तरीके से जो घटनाक्रम हुआ है हम ऐसे इतिहास की चोरी को बर्दाश्त नहीं कर सकते. अगर किसी को कोई दिक्कत है तो सरकार से बात कीजिए. आज हम इस मंच से तय करेंगे 'कमल का फूल हमारी भूल' जिन लोगों को हमने बनाया है उनको बिगाड़ना भी हमें आता है. अभी तो हम कैथल में हैं. इसके बाद गुरुग्राम और दिल्ली में जाएंगे. अगर हमने जोर से दहाड़ लगाई तो हम दिल्ली के पैर हिला देंगे.
कैथल में राजपूत समाज जो इकट्ठा हुआ है वह सरकार की दमनकारी नीति के खिलाफ हुआ है. हम सम्राट मिहिर भोज के नाम के आगे गुर्जर शब्द बर्दाश्त नहीं करेंगे. कुंवर राजेंद्र सिंह नरूका ने पत्रकार से बात करते हुए कहा कि आज का कार्यक्रम हमें इसलिए करना पड़ा कि क्षत्रिय समाज में अपनी रियासत दी, जमीन दी, किले दिए, अपने गढ़ दिए और आज स्थिति यह है कि 75 साल के बाद हमारे इतिहास को विकृत करने का काम किया जा रहा है.
मांगे नहीं मानी तो बना देंगे दूसरी पार्टी
यह कोई और नहीं कर रहा है. सरकार में रहकर सरकार के संरक्षण में सरकार के लोग कर रहे हैं. कैथल में जो हमारे इतिहास को बिगड़ने का काम किया है. वह भाजपा और आरएसएस के लोगों ने किया है. महापुरुषों की जातियां बदली जा रही हैं. उनका इतिहास बिगाड़ा जा रहा है और सरकार उसमें वोटों का तुष्टिकरण कर रही है. कैथल में भारी संख्या में क्षत्रिय समाज आज खड़ा हुआ है. आज या तो सरकार जाग जाएगी अन्यथा छत्तीसगढ़ राजस्थान और मध्य प्रदेश के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी नाम की कोई पार्टी इस देश में नहीं बचेगी. अगर बीजेपी को जिंदा रहना है तो आकर हमसे बात करें नहीं तो हम दूसरी किसी पार्टी को बना देंगे.
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प्रमुख मांग पत्र:-
1. महापुरुषों के इतिहास के साथ जो छेड़छाड़ हो रही है. उस पर प्रदेश व केंद्र सरकार तुरंत प्रभाव से रोक लगाए और इतिहास चोरी को रोकने के लिए इतिहासकारों की सक्षम कमेटी बनाई जाए.
2. क्षत्रिय कल्याण आयोग का गठन किया जाए.
3. कैथल जिला अध्यक्ष अशोक गुज्जर को तुरंत प्रभाव से हटाया जाए और उस पर अपने पद का दुरुपयोग करने पर कानूनी कार्रवाई की जाए.
4. सरकार ऐसा कानून बनाए जो भी क्षत्रिय महापुरुषों के इतिहास को जाति के नाम पर बदलने की कोशिश करेगा उसे गैर जमानती अपराध घोषित किया जाए।
5. जिन क्षत्रिय युवाओं पर जोधा अकबर नाटक व पद्मावत फिल्म के दौरान मुकदमे दर्ज हुए उन्हें रद्द किया जाए.
6. जिन अधिकारियों ने क्षत्रिय समाज के युवाओं पर लाठी चार्ज करवाया, उन्हें बर्खास्त कर कानूनी कार्रवाई की जाए.
7. कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में भजन लाल सरकार ने महाराणा प्रताप चेयर की घोषणा की थी उसे स्थापित किया जाए.
8. कैथल के साथ-साथ हरियाणा में जहां भी सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा लगी है. उन पर जातीय पहचान बनाकर गुर्जर शब्द लिखा गया है. उसे तुरंत प्रभाव से हटाया जाए.
9. सभी क्षत्रियों को शस्त्र रखने का कानूनी अधिकार मिलना चाहिए जो 1947 के बाद समाप्त कर दिया गया था.
10. क्षत्रिय से संबंधित ऐतिहासिक सांस्कृतिक लेखन व फिल्म नाटक चलचित्र सिनेमा आदि में क्षत्रिय कल्याण आयोग के द्वारा स्वीकृत होनी सुनिश्चित की जाए.
Input: Vipin Kumar