Haryana News: कैथल में पराली जलाने वाले 11 किसानों पर FIR, मुख्य सचिव बोले-तुरंत गिरफ्तार करो
Haryana Government Action: रेड एंट्री दर्ज होने के बाद अगले दो सीजन तक ऐसे किसान ई-खरीद पोर्टल के माध्यम से मंडियों में अपनी फसल बेच नहीं पाएंगे. ऐसे किसान अपनी जमीन न बेच पाएंगे और न गिरवी रख पाएंगे.
Kaithal Stubble Burning: पराली जलाने से प्रदूषण मामले में हरियाणा की नायब सैनी सरकार एक्शन मोड में आ गई है. हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये प्रदेश के सभी उपायुक्तों की बैठक ली. मुख्य सचिव ने उन्हें आदेश दिए कि पराली जलाने के जिन मामलों में किसानों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं, उन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाए.
63 किसानों से 1.57 लाख रुपये की रिकवरी
इसके बाद कैथल के डीएसपी वीरभान ने बताया कि सरकार के आदेश पर उन्होंने संबंधित थाना प्रबंधकों को निर्देश दिए हैं कि जिन किसानों के ऊपर पराली जलाने के मामले दर्ज हुए हैं, उनकी आज ही गिरफ्तारी की जाए.
वहीं कृषि विभाग के उपनिदेशक बाबूराम ने बताया कि कैथल में अब तक पराली जलाने के 123 मामले सामने आ चुके हैं, इनमें से 63 किसानों पर जुर्माना लगाकर 1 लाख 57 हजार रुपये की रिकवरी कर ली गई है. इसके साथ ही पराली जलाने वाले 11 किसानों के खिलाफ जिले के विभिन्न थानों में 11 एफआईआर दर्ज करवाई गई हैं. अभी तक मेरी फसल मेरा ब्योरा पर 43 किसानों की रेड एंट्री हो चुकी है. अब वह नए नियम के मुताबिक उन्हें दो साल तक कुछ रियायतें नहीं मिल पाएंगी।
अब तक लिखित आदेश नहीं मिला
उपायुक्त विवेक भारती ने बताया कि आज चीफ सेक्रेटरी द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा ली गई मीटिंग में आदेश मिले हैं कि पराली जलाने के मामलों में सख्त से सख्त कार्रवाई करनी है, ताकि पराली जलाने के बढ़ रहे मामलों पर रोक लगाई जा सके. सुप्रीम कोर्ट द्वारा तलब किए गए आदेशों पर उन्होंने बताया कि उनके पास अभी कोई लिखित में आदेश नहीं आया है. न्यूज पेपर के माध्यम से उन्हें इसकी सूचना मिली है.
FIR से किसानों का क्या होगा नुकसान
दरअसल हरियाणा के कृषि विभाग ने आदेश जारी किया है कि पराली जलाने वाले किसानों पर एफआईआर दर्ज करने के अलावा खेतों से जुड़े दस्तावेज में रेड एंट्री की जाएगी. रेड एंट्री दर्ज होने के बाद अगले दो सीजन तक ऐसे किसान ई-खरीद पोर्टल के माध्यम से मंडियों में अपनी फसल बेच नहीं पाएंगे. ऐसे किसान अपनी जमीन न बेच पाएंगे और न गिरवी रख पाएंगे. इसके अलावा कोई बैंक इन किसानों को लोन भी नहीं देगी.