Haryana News: करनाल के सौकड़ा गांव में कबड्डी टुर्नामेंट में बतौर मुख्यअतिथि पहुंचे. किसान नेता राकेश टिकेत ने कहा कि खेलों से हमारा स्वास्थ्य ठीक रहता है और युवा नशे से भी दूर रहता है. गुरनाम सिंह चढुनी द्वारा आयोजित रैली में न्यौते के सवाल पर उन्होने कहा कि हमें इस रैली के लिए कोई न्यौता नहीं मिला है. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि आजकल इलेक्शन का दौर शुरू हो चुका है और हम नॉन पॉलिटिकल लोग है, हम राजनीति से दूर रहते है.


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उन्होंने गुरनाम सिंह चढूनी की रैली को इलेक्शन वाली रैली बताया. पांच राज्यों के चुनाव के दौरान राजस्थान में एमएसपी गारंटी कानून की बात सामने आई है, इस पर राकेश टिकैत ने कहा कि अब एमएसपी राजनीति में शामिल हो चुका है. राजनेताओं ने एमएसपी का नाम लेना शुरू कर दिया है, एक दिन ऐसा भी आएगा, जब एमएसपी लागू भी होगा. जब राजस्थान के मुख्यमंत्री कह रहे है कि वे अपने स्टेट में स्टेट एमएसपी (MSP) लागू करेंगे, ऐसे में एक स्टेट से शुरूआत हो जाएगी.


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उन्होंने आगे कहा कि यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह पूरे देश में एमएसपी गारंटी कानून लागू करें, क्योंकि इसी से किसानों को फायदा होगा. अभी 40 प्रतिशत एमएसपी पर किसान से खरीदा जा रहा है और 60 प्रतिशत हिस्सा व्यापारी पर जा रहा है. अगर पूरे देश का आंकलन किया जाए तो 6 प्रतिशत ही खरीद होती है. गन्ने के बढ़े हुए दामों पर राकेश टिकैत ने कहा कि जहां पर आंदोलन मजबूत होगा. वहां पर सरकार सारा काम करेगा, लेकिन जहां पर आंदोलन कमजोर होगा, वहां पर जल्दी से काम सरकार नहीं करेगी.


उन्होंने आगे कहा कि सरकार का काम है कि वह रेट बढ़ा. सरकार का कहना होता है कि किसान हमे वोट नहीं देता और जिसने हमें वोट दिया, हमने उसका काम कर दिया, जिस दिन किसान वोट देना शुरू कर देगा, उस दिन सरकार सारा काम करना शुरू कर देगी, लेकिन अभी तो सरकार आंदोलन के दबाव में काम कर रही है. एसकेएम 26 नवंबर से लेकर 28 नवंबर तक राष्ट्रीय आंदोलन करने जा रही है, जिसके तहत किसान स्टेट के राजभवन या राजधानी में जाएंगे और एक जगह चिन्हित करके बैठेंगे. मुददा सिर्फ किसानों से जुड़ा होगा.


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उन्होंने कहा कि प्रत्येक स्टेट में किसानों के अलग-अलग इशू है, जिसमें एमएसपी गारंटी, प्रदूषण का मुद्​दा,  लखीमपुर जैसे मुद्​दे शामिल है. राहुल गांधी द्वारा वर्ल्ड कप मैच के दौरान प्रधानमंत्री को पनौती बताने के सवाल पर टिकेत ने जवाब दिया कि इस देश में कोई भी किसी को कुछ भी कह सकता है और वे मैच क्यों देखने गए, जब पूरा देश ही नहीं चाह रहा था. मैच देश का था या फिर बीजेपी का था. खिलाडियों को खिलाड़ी ही रहने दो उनको किसी पार्टी के साथ न जोड़ो. खिलाडियों पर इतना दबाव आ गया कि वे अपना प्रदर्शन दिखाने के चक्कर में मैच हार गए. किसी मैच या खिलाड़ी को इवेंट नहीं बनाना चाहिए, खेल को खेल ही रहने दो.



प्रदूषण के मुद्​दे पर टिकेत ने कहा कि हरियाणा में कोई प्रदूषण नहीं है, लेकिन हरियाणा और पंजाब के किसानों के नाम दिल्ली वालों की प्रदूषण लिस्ट से कब कटेगा, इसका कुछ पता नहीं है. अगर वह दिल्ली के कागजों से कट जाता है तो अपने आप ही पॉलुशन कम हो जाएगा. सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर हरियाणा और पंजाब के प्रबंधों पर टिकेत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के प्रबंधों को सही बताना ही था, लेकिन पंजाब के प्रबंधों पर नकारात्मक टिप्पणी की, क्योंकि हरियाणा में बीजेपी की सरकार है.


(इनपुटः कमरजीस सिंह विर्क)