Delhi NCR: कोयले के इस्तेमाल पर लगी रोक, उल्लघंनकर्ताओं पर लगेगा भारी जुर्माना
दिल्ली एनसीआर में इंडस्ट्रीज में कोयले और अन्य गैर-अनुमोदित ईंधनों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर में इंडस्ट्रीज में कोयले और अन्य गैर-अनुमोदित ईंधनों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. केंद्र सरकार के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) का कहना है कि थर्मल पावर प्लांट (Thermal Power Plant) में कम सल्फर वाले कोयले के इस्तेमाल की अनुमति अब भी है.
July 2022 में जारी की थी नई नीति
यह प्रतिबंध पिछले साल जुलाई में CAQM द्वारा जारी की गई नीतियों का हिस्सा है. इस नीति में आने वाले 5 सालों में दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए क्षेत्रवार कार्य योजनाओं की सूची दी गई है. संबंधित अधिकारियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि कोयला समेत गैर-अनुमोदित ईंधनों का इस्तेमाल करने वाली इंडस्ट्रीज और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को बंद कर दिया जाए.
CAQM के अधिकारी का कहना है कि इन प्रतिबंधों का जो इंडस्ट्रीज उल्लंघन करेंगी उनको भारी जुर्माना भरना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि आयोग ने पहले ही प्रतिबंध की घोषणा कर चुकी है, जिससे कि सभी उद्योगों को स्वस्चछ ईंधन को अपनाने का पर्याप्त समय मिल चुका है.
अधिकारियों की माने तों कैप्टिव थर्मल पावर प्लांट में कम सल्फर वाले कोयले के इस्तेमाल की अनुमति रहेगी और साथ ही फायरवुड और बायोमास ब्रिकेट्स का उपयोग धार्मिक कामों और दाह-संस्कार में इस्तेमाल किया जा सकता है. वहीं लकड़ी और बांस से बने चारकोल का प्रयोग होटल, रेस्तरां, बैंक्वेट हॉल और खुले भोजनालय या ढाबे के टैंडर और ग्रिल के लिए किया जा सकता है.
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साल में 1.7 मीलियन टन कोयले का होते है इस्तेमाल
CAQM ने नए साल से पूरे दिल्ली और एनसीआर में इंडस्ट्रीयल गतिविधियों में कोयले का इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए. पूरे एनसीआर रिजन में लगभग 1.7 मीलियन टन कोयले का इस्तेमाल पूरे साल में किया जाता है और इसमें से भी सिर्फ 6 प्रमुख औद्योगिक जिलों में करीब 1.4 मीलियन टन कोयले का इस्तेमाल किया जाता है.
बता दें कि इसका मकसद यह है कि 1 जनवरी 2027 से एनसीआर में सिर्फ सीएनजी और ई-ऑटो ही चले. एनसीआर में दिल्ली, हरियाणा के 14 जिले, उत्तर प्रदेश के आठ जिले और राजस्थान के दो जिले शामिल हैं. CAQM के निर्देशों के अनुसार, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, फरीदाबाद और गुरुग्राम में डीजल ऑटो को 2024 के अंत तक सेवा से बाहर करना होगा. सोनीपत, रोहतक, झज्जर और बागपत को 31 दिसंबर 2025 तक ऐसा करना होगा. एनसीआर के बाकी इलाकों के लिए समय सीमा 2026 के अंत तक है.