Delhi: केजरीवाल ने दिल्ली मॉडल तैयार किया है जो न केवल बिजली, बल्कि पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, बस यात्रा, की सुविधा दिल्ली के लोगों को मिलती है. हर व्यक्ति खर्चे से बचाता है और बचत कराता है. AAP सरकार ने 35 से 36 लाख रुपये का फायदा पहुंचाया है.
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Arvind Kejriwal: दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद AAP सरकार ने दूसरे राज्यों की सरकारों का आइना दिखाने का काम किया है. दिल्ली सरकार का 24 घंटे बिना कटे सस्ती बिजली देने का मॉडल लोगों को काफी राहत दे रहा है. दिल्ली में लोगों को ये कहते हुए सुना जा सकता है कि उन्हें तो बिजली बिल देना ही नहीं पड़ता. दिल्लीवालों की बिजली के बिल का 'जीरो' आना दिल्ली सरकार को 'हीरो' बना रहा है.
बिजली का बिल जीरो दिल्ली सरकार
केजरीवाल ने दिल्ली मॉडल तैयार किया है जो न केवल बिजली, बल्कि पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, बस यात्रा, की सुविधा दिल्ली के लोगों को मिलती है. हर व्यक्ति खर्चे से बचाता है और बचत कराता है. आम आदमी पार्टी यह दावा कर रही है कि अगर सभी सात रेवड़ियों पर होने वाले प्रत्यक्ष बचत और अप्रत्यक्ष या आभासी बचत को जोड़ दें तो हर परिवार को बीते दस साल में आम आदमी पार्टी की सरकार ने 35 से 36 लाख रुपये का फायदा पहुंचाया है. इस दावे की परख किसी भी एक मामले में होने वाली बचत का आकलन किया जा सकता है. आम आदमी पार्टी यह भी बताने की कोशिश कर रही है कि नरेंद्र मोदी ने 15 लाख अकाउंट में देने का भरोसा जुमला बताकर तोड़ा था, लेकिन बगैर किसी वादे के केजरीवाल मॉडल ने उस जुमले को हकीकत में बदलते हुए उससे दुगुना फायदा दिल्ली वालों को कराया है.
फ्री बिजली से गरीब खुश
सीएम आतिशी के मुताबिक दिल्ली में 37 लाख परिवार ऐसे हैं जिनके घरों की बिजली बिल जीरो है. ये वो परिवार हैं जिनके घरों में बिजली की खपत 200 यूनिट से कम है. जाहिर तौर पर इस वर्ग में दिल्ली की गरीब जनता आती है, जिन्हें बहुत बड़ी राहत सरकार ने दी है. इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि एक गरीब परिवार जो दिल्ली में रहता है उसे बिजली पर कोई खर्च नहीं करना पड़ता और बिना कटे उसे 24 घंटे बिजली भी मिल रही है. वही परिवार अगर एनसीआर यानी नोएडा, ग्रेटर नोएडा,गाजियाबाद, गुरुग्राम जैसी जगहों पर रहता है तो उसे मात्र 200 यूनिट के लिए करीब 1450 रुपए खर्च करना पड़ता है. यानी कि दिल्ली में रहने पर परिवार की हर महीने कम से कम बिजली से 1450 रुपए की बचत हुई. सालाना ये बचत हुई 1450 x 12= 17,400 रुपए प्रति वर्ष.
अगर दिल्ली सरकार ने 200 यूनिट तक बिजली दर माफ नहीं कि होती तो उसे हर यूनिट के लिए 4.16 रुपए की दर से फिक्स्ड चार्ज समेत देने पड़ते 916 रुपए. यही फर्क और भी बड़ा दिखता है. अगर हम मुंबई से तुलना करें, जहां बिजली बिल प्रति यूनिट 10 रुपये है. दो सौ यूनिट तक 2 हजार रुपये मुंबई में खर्च करने पड़ते हैं. इस तरह सालाना 24 हजार रुपये की स्पष्ट बचत दिल्ली के लोग मुंबई के मुकाबले महसूस करते हैं.
हाफ बिल का देखें फर्क
दिल्ली की सीएम आतिशी के मुताबिक दिल्ली में करीब 15 लाख ऐसे परिवार हैं, जिसके बिल आधे आते हैं. यानी जिनके घर पर बिजली की खपत हर महीने 200 से 400 यूनिट के बीच होती है. 201-400 यूनिट तक बिजली बिल की दर है 6.24 रुपये प्रति यूनिट. इसके लिए उपभोक्ताओं को देने पड़ रहे हैं मात्र 624 रुपए यानी 1248 का आधा. कुल मिलाकर अगर 200 यूनिट तक बिजली फ्री नहीं होती तो 400 यूनिट तक की बिजली का बिल होता है 2,164 रुपये. अभी इस रकम के बदले आम उपभोक्ताओं को केवल 624 रुपये देने पड़ रहे हैं और 1540 रुपये हर महीने की बचत हो रही है. मुंबई में 400 यूनिट के बदले 4 हजार रुपये खर्च करने पड़ते हैं. जाहिर है मुंबई से तुलना करें तो बचत की रकम 3376 रुपये मासिक बचत. सालाना बचत होती है 40,512 रुपये.
सबसे सस्ती बिजली दिल्ली में
दूसरे राज्यों की बात करें तो 400 यूनिट बिजली का बिल गुजरात के अहमदाबाद में 2044 रुपए, हरियाणा के गुरुग्राम में 2300 रुपए, उत्तर प्रदेश में 2900 रुपए, मध्य प्रदेश में 3800 रुपए और महाराष्ट्र में 4460 रुपए है. यानी महाराष्ट्र में 400 यूनिट बिजली का बिल दिल्ली से 4 गुणा ज्यादा है. वहीं दिल्ली से सटे गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा, गाजियाबाद में दोगुने से ज्यादा.
इतना ही नहीं दिल्ली के बाहर लंबे-लंबे पावर कट से परेशान लोगों को घर पर इनवर्टर और सोसायटी में बड़े- बड़े जेनरेटर लगाने पड़ते हैं जिसका खर्च भी उन्हें वहन करना पड़ता है.
देशहित में है AAP की बिजली नीति
कम खपत, ज्यादा बचत, दिल्ली सरकार की इस नीति ने लोगों को बिजली के खर्च को कम करने के लिए प्रोत्साहित किया है. दिल्लीवासी अपनी बिजली खर्च को हर हाल में 200 यूनिट तक रखना चाहते हैं ताकि उन्हें फ्री बिजली मिले. जिनकी फैमिली बड़ी है वो लोग कम खपत के लिए बिजली की बर्बादी को रोकने की कोशिश करते हैं. बिजली की ये नीति देशहित में बिजली की बचत को भी प्रोत्साहित कर रहा है.
इनपुट: रंजन कुमार