नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कश्मीर में टारगेट किलिंग को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कश्मीर में हो रही हत्याओं पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार से कार्य योजना पेश करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि 1990 के दशक में जो हुआ था, वही दोबारा हो रहा है. 


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रविवार को जंतर-मंतर पर आयोजित आम आदमी पार्टी की जन आक्रोश रैली में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़कर जाने को मजबूर किया जा रहा है. पिछले 30 साल में दो बार ऐसे मौके आए, जब कश्मीरी पंडितों को कश्मीर से पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा और दोनों ही बार कश्मीर में बीजेपी का शासन था. इसका मतलब ये है कि भाजपा से कश्मीर नहीं संभलता. बीजेपी केवल ‘घटिया राजनीति’ करना जानती है. 


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केजरीवाल ने चार मांगें रखीं


सीएम ने कहा कि जब भी कश्मीर में कोई मर्डर होता है तो मीडिया में आता है-गृहमंत्री जी ने मीटिंग बुलाई. केजरीवाल ने कहा कि बहुत हो गई मीटिंग, लोग मर रहे हैं. अब भारत को एक्शन चाहिए. जनता एक्शन चाहती है, देश को प्लान बताओ. मंच से केजरीवाल ने चार मांगें रखीं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कश्मीरी पंडितों और फौज की हत्याओं को रोकने की योजना देश के सामने रखे. कश्मीरी पंडितों के साथ साइन किया हुआ बॉण्ड रद्द किया जाए, जिसमें लिखा है कि कि वे कश्मीर के बाहर काम नहीं कर सकते. कश्मीरी पंडितों की सारी मांगें मानी जाएं. इसके अलावा उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए.


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सीएम ने पकिस्तान को दिखाई आंख 


उन्होंने पाकिस्तान पर भी निशाना साधा और उस पर कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को समर्थन देने का आरोप लगाया.  केजरीवाल ने कहा, मैं पाकिस्तान से कहना चाहता हूं कि वह छिछोरी हरकत करना बंद करे. कश्मीर हमारा था, हमारा है और हमारा ही रहेगा. उन्होंने यह भी कहा, अगर भारत ने फैसला कर लिया तो पाकिस्तान का अस्तित्व नहीं बचेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस मामले पर चर्चा के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से समय लेंगे और कश्मीर में हो रही हत्याओं को रोकने को लेकर केंद्र की योजना के बारे में जानेंगे.