राज टाकिया/रोहतक: देश और प्रदेशभर में सेना भर्ती की नई योजना को लेकर विरोध जारी है. अग्निपथ के विरोध में गुरुवार को रोहतक जिले के सांपला में उत्तर भारत की महापंचायत हुई है. इसमें उत्तर भारत की खाप, किसान, महिला और सामाजिक संगठनों ने हिस्सा लिया. इस महापंचायत की अध्यक्षता धनखड़ खाप के प्रधान ओम प्रकाश धनखड़ ने की. महापंचायत में सभी ने एक मत से अग्निपथ को लेकर फैसला लिया कि यह योजना युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. इसके विरोध में युवाओं का समर्थन करते हुए उनके आंदोलन को तेज करने का फैसला लिया गया.


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महापंचायत में फैसला लिया गया की अग्निपथ के खिलाफ स्थायी धरना सांपला के सर छोटूराम से शुरू किया जाए, जोकि सिंधु बोर्ड किसान आंदोलन का मुख्य केंद्र था, उसी प्रकार अग्निपथ के खिलाफ उत्तर भारत सांपला केंद्र रहेगा. अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे युवाओं के केस वापिस हों और जो भी युवा अग्निपथ के लिए अप्लाई करेगा, उसका सामाजिक रूप से उसे अलग थलग किया जाएगा. कल जींद में हुई खापों की मीटिंग के 11 सदस्यीय कमेटी भी पहुंची जोकि पंचायत में फैसले का समर्थन किया.


ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि यह महापंचायत सरकार की अग्निपथ स्कीम के खिलाफ बुलाई गई थी, जिसमें उत्तर भारत से पंजाब, राजस्थान, यूपी, हिमाचल से भी खाप, किसान और सामाजिक, महिला संगठन शामिल हुए. अग्निपथ योजना के विरोध में सभी ने एक मत से फैसला लिया है अग्निपथ और किसान आंदोलन में जिन पर केस दर्ज किए गए हैं, वो सभी वापस हों, तभी सरकार से बातचीत होगी.


दूसरा फैसला यह कि सांपला में सर छोटूराम संग्रालय पर गुरुवार से अग्निपथ के विरोध में धरना शुरू करने, यह धरना ऐसा होगा जिस प्रकार से सिंधु बॉर्डर किसान आंदोलन का मुख्य केंद्र था. यहीं से देश के लिए अग्निपथ को लेकर फैसले लिए जाएंगे. 24 जून को जिला स्तर पर सभी लघु सचिवालय पर शांति पूर्वक प्रदर्शन किए जाएंगे. 6 महीने तक दस हजार से ऊपर बड़े-बड़े कॉर्पोरेट से सामान नहीं खरीदा जाएगा.


भारतीय किसान यूनियन चूढ़नी के अध्यक्ष व किसान नेता गुरनाम सिंह ने कहा कि अग्निपथ के विरोध में सभी एक मत से फैसले लेने के उद्देश्य से यह पंचायत बुलाई गई थी. इसमें जींद में हुई खापों की पंचायत में गठित केमटी भी शामिल हुई. सभी ने फैसले लिया कि सरकार के खिलाफ मिलकर कर संघर्ष किया जाए. यहीं से धरने की शुरुआत की जा रही है. सभी जिला उपमंडल स्तर, गांव स्तर पर अभियान चलाएगा जाएगा. यह तो तीनों कृषि कानूनों को भी वापिस लेने की बात करते थे. हमारा संघर्ष जारी रहेगा जब यह अग्निपथ स्कीम वापस नहीं हो जाती है.