Gurugram News: सीएम के दौरे-जुर्माने के बाद भी हालात दूभर, नगर निगम की काहिली से खांडसा मंडी में लगा गंदगी का अंबार
दुकानदारों ने बताया कि सफाई के नाम से सभी रेहड़ी पटरी वालों से 10 रुपये वसूले जाते हैं, लेकिन इसके बावजूद सफाई होती नहीं है.
Gurugram News: जनता तक सरकारी योजनाओं का लाभ हो या फिर जन सुविधाएं, जनता तक उन्हें समय पर पहुंचाना प्रशासन का होता है, लेकिन अगर अधिकारियों पर काहिली ही सवार हो तो फिर आम जनता का भगवान ही मालिक है. ये बात हरियाणा के अत्याधुनिक शहर गुरुग्राम पर फिट बैठते दिखाई देती है. गुरुवार को गुरुग्राम में जब सीएम मनोहर लाल सफाई व्यवस्था का औचक निरिक्षण करने पहुंचे तो गंदगी देख भन्ना गए. चरमराई हुई सफाई व्यवस्था पर उन्होंने निगम कमिश्नर और तमाम बड़े अधिकारियों पर जुर्माना लगाया, लेकिन सवाल उठता है कि क्या इतने भर से आम जनता को हो रही परेशानी खत्म हो जाएगी.
आज जब जी मीडिया की टीम गुरुग्राम की सबसे बड़ी मंडी खांडसा पहुंची तो बेहिसाब कूड़े के अंबार दिखाई दिए. जगह-जगह कूड़ा बिखरा नजर आया. कई महीने हो गए, मंडी और वहां आए खरीदारों के लिए गंदगी की वजह से वहां रुकना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है.
जब इस बारे में सब्जी के खरीदारों और विक्रेताओं से बात की गई तो उनका गुस्सा फूट पड़ा. उनका कहना था कि सब्जी मंडी में पड़ा कूड़ा बीमारियों को न्योता दे रहा है. सब्जी और फल बेचने वाले लोगों को भी भारी परेशानी उठानी पड़ रही है. कई बार शिकायत करने के बावजूद भी सफाई नहीं कराई जाती.
नाराज दुकानदारों ने बताया कि मंडी के बाहर तो सफाई हो भी जाती है पर मंडी के अंदर महीनों से प्रॉपर तरीके से सफाई नहीं हो रही है. मंडी में शौचालय तक की व्यवस्था नहीं है. पेट पालने के लिए उन्हें मजबूरन इसी गंदगी में कीड़े मकोड़े की तरह रहकर काम करना पड़ता है. दुकानदारों ने बताया कि सफाई के नाम से सभी रेहड़ी पटरी वालों से 10 रुपये वसूले जाते हैं, लेकिन इसके बावजूद सफाई होती नहीं है.
नगर निगम के अधिकारी सरकार को गुमराह करते रहते हैं. एक व्यक्ति ने बताया कि बारिश के मौसम में तो मंडी का और भी बुरा हाल हो जाता है. कूड़े की वजह से मंडी में पानी भर जाता है. गंदे पानी में घुसकर लोगों को निकलना पड़ता है.सफाई व्यवस्था भगवान भरोसे है. सीएम की नाराजगी और जुर्माना लगाने के बाद भी अधिकारियों ने समस्या को अनदेखा कर रखा है. सवाल उठता है कि स्वच्छ हरियाणा का सरकार का सपना आखिर पूरा कैसे होगा.
इनपुट: देवेंद्र भारद्वाज