Bharat Bandh 2024: कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि अगर किसानों की मांगों को पूरा किया गया तो अर्थव्यवस्था पर क्या विपरीत प्रभाव अथवा वित्तीय बोझ पड़ेगा, उस पर भी ध्यान दिया जाना जरूरी है. क्योंकि, अगर किसान अन्नदाता है तो व्यापारी करदाता है, जिनका राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान है.
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Bharat Bandh 2024: संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) और मजदूर संघ द्वारा आज भारत बंद का ऐलान किया गया है, जिसका असर दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और इनकी सीमाओं से जुड़ने वाले इलाकों में पिछले चार दिनों से दिखाई दे रहा है. वहीं, कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने दावा किया है कि आज किसानों द्वारा बुलाए गए 'भारत बंद' में कैट की अपील पर देशभर के व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान खोले हैं और बाजारों में सामान्य रूप से कारोबार हो रहा है और भारत बंद का बाजारों पर कोई प्रभाव नहीं दिखा.
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि यह सत्य है कि देश भर में बड़ी संख्या में किसान नुकसान की खेती कर रहा है, तो मूल प्रश्न यह है कि किसान नुकसान की खेती को लाभ में कैसे बदला जाये. सरकार और किसानों के बीच बातचीत इस मुख्य बिंदु पर होनी चाहिए और कोई भी फार्मूला निकालते समय अर्थव्यवस्था के अन्य वर्गों एवं उपभोक्ताओं के हितों को भी ध्यान में रखा जाना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में किसानों की जो मांगे है, यदि उनको पूरा किया गया तो अर्थव्यवस्था पर क्या विपरीत प्रभाव अथवा वित्तीय बोझ पड़ेगा, उस पर भी ध्यान दिया जाना जरूरी है.
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खंडेलवाल ने किसानों को एकमात्र प्रदाता (अन्नदाता) के रूप में चिह्नित करने पर कहा कि यदि किसान अन्नदाता है तो व्यापारी भी करदाता है, जिनका राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उन्होंने जोर दिया कि व्यापारियों का राष्ट्रीय खजाने में योगदान कभी भी कम नहीं आंका जाना चाहिए. दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा कि ऐसे समय में जब सरकार और किसान नेताओं के बीच बातचीतों के बीच किसी भी प्रकार के बंद का कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने कहा कि उन्हें सरकार से पूरी उम्मीद है कि वो इस समस्या का सर्वमान्य हल अवश्य निकलेगी.
खंडेलवाल ने कहा कि विवादों का समाधान करने और सकारात्मक परिवर्तन को प्रेरित करने के लिए बातचीत और योजनाबद्ध जुड़ाव ही काम करेगा. कैट ने किसानों की समस्या को शांतिपूर्ण बातचीत के लिए अपनी पुनः आवाज को दोहराया और सभी संबंधित पक्षों को सहमतिजनक समाधान की दिशा में काम करने की सलाह दी है.
(इनपुटः बलराम पांडेय)