Kisan Andolan: संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान-मजदूर मोर्चा के आह्वान पर एक महीने से ज्यादा समय से किसान पंजाब-हरियाणा के शंभू-खनौरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं. किसान लगातार अलग-अलग तरीकों से अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं. गुरुवार को किसानों ने दिल्ली के रामलीला मैदान में किसानों और मजदूरों की महापंचायत बुलाई. वहीं आज किसान युवा किसान शुभकरण की अस्थियां एकत्रित करेंगे और इसके बाद गांव-गांव में कलश यात्रा निकाली जाएगी. 


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21 फरवरी को हुई शुभकरण की मौत
किसानों के दिल्ली कूच के ऐलान के बाद 21 फरवरी को खनौरी बॉर्डर पर किसानों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई. इसमें पंजाब के युवा किसान शुभकरण की मौत हो गई. शुभकरण की मौत के बाद से किसानों ने दिल्ली कूच के फैसले को भी टाल दिया. हांलाकि, किसानों ने आंदोलन खत्म नहीं किया. वो लगातार 32 दिन से अपनी मांगों को मनवाने के लिए पंजाब-हरियाणा की सीमा पर डटे हुए हैं. इसके साथ ही किसान नेताओं ने भगत सिंह की शहादत दिवस पर भी युवाओं से शंभू बॉर्डर पर पहुंचने की अपील की है. 


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14 मार्च को महापंचायत
किसानों ने शुभकरण की मौत के बाद भले की दिल्ली कूच का फैसला टाल दिया हो, लेकिन पिछले एक महीने से ज्यादा समय से वो पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं. इसी क्रम में 14 मार्च को किसानों ने दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान-मजदूर महापंचायत बुलाई. इसमें देशभर के लगभग 400 से ज्यादा किसान और मजदूर संगठन शामिल हुए. 


कलश यात्रा निकालने का ऐलान
13 मार्च को किसानों ने शुभकरण की अस्थियों को लेकर हरियाणा सहित देश के कई राज्यों में कलश यात्रा निकालने का ऐलान किया. आज किसान शुभकरण की अस्थियों का कलश लेने गांव जाएंगे. इसके बाद गांव-गांव में कलश यात्रा निकाली जाएगी. इसके साथ ही आगामी 22 मार्च को हिसार और 31 मार्च को अंबाला में शहीदी समागम का आयोजन भी किया जाएगा.