Farmer Protest: Hisar News: किसानों पर हुए लाठी चार्ज, आंसू गैस के गोले दागने पुलिस द्वारा रास्ता रोकने के विरोध में हिसार के सिसाय-कालीरामण गांव के चबूतरे पर किसानों की महापंचायत हुई. महापंचायत की अध्यक्षता सिसाय गांव के सरपंच राजेश सिहाग ने की. बैठक में हिसार जिले के 40 गांव के किसान व ग्रामीणों ने भाग लिया. बैठक में हरियाणा के किसानों ने पंजाब के किसानों के दिल्ली कूच का समर्थन करने, दिल्ली तक पहुंचाने में उनकी हर संभव मदद करने व सरकार के खिलाफ हुंकार भरी. इस दौरान किसानों ने जागरूकता अभियान चलाने का भी ऐलान किया.


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बैठक में निर्णय लिया गया कि 18 फरवरी को हर गांव के ग्रामीण अपने-अपने क्षेत्र में पंजाब के किसानों के समर्थन में ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर फ्लैग मार्च निकालेंगे. जिसमें हजारों किसान शामिल होंगे. किसानों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर भारत सरकार 20 फरवरी तक किसानों की मांग को पूरा नहीं करती है तो हरियाणा के किसान ट्रैक्टर ट्रॉली के साथ लाखों की संख्या में शंभू बॉर्डर की ओर कूच करेंगे.


महापंचायत के दौरान किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने 50 सदस्यीय कमेटी का गठन किया, जिसमें हर गांव व हर किसान संगठन के पदाधिकारियों को शामिल किया गया. किसानों ने बताया कि आगामी निर्णय 50 सदस्यीय कमेटी द्वारा लिए जाएंगे. करीब एक घंटा कमेटी ने बैठक करके मौजूदा निर्णय लिया है कि वे 16  फरवरी को विभिन्न ट्रेड यूनियनों के भारत बंद अभियान का समर्थन करेंगे. भारत बंद के दौरान यूनियनों का सहयोग करने की अपील की.


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इसी को लेकर हिसार के नारनौंद में किसानों ने बास टोल पर सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. शुक्रवार को टोल फ्री करने का ऐलान भी कर दिया। इस दौरान भारी पुलिस बल भी तैनात रही. 


किसान नेता मास्टर प्रताप सिंह, सतीश पुट्टी ने कहा कि किसान एमएसपी समेत अन्य मांगों को लेकर दिल्ली में आंदोलन करने के लिए जा रहे हैं, लेकिन सरकार ने उनको रास्ते में ही रोक लिया है. यह लोकतंत्र की हत्या है. किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली में प्रदर्शन भी नहीं कर सकते. इसी को लेकर पूरे प्रदेश के किसानों में रोष बना हुआ है. इसी को लेकर बास टोल पर सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी की गई है और शुक्रवार को टोल को फ्री करवाकर विरोध दर्ज करवाया जाएगा. बताएगी सरकार किसानों को भी वजह परेशान कर रही है. सरकार जानबूझकर ऐसे हालात पैदा कर रही है कि किसान आक्रोशित होकर पुलिस के साथ झगड़ा करें सरकार की मंशा ठीक नहीं है. किसान देरी से जागता है, लेकिन जब जाग जाता है तो वह सोता भी नहीं है. अगर सरकार मांगों को पूरा नहीं करती है तो जल्दी बड़ा फैसला लेकर आंदोलन को और तेज किया जाएगा. जिसकी जिम्मेदार सरकार होगी.