Gita Mahotsav 2023: महिलाओं को भागलपुर की सिल्क साड़ी और मिट्टी की चहचहाती चिड़िया बनी आकर्षण का केंद्र
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana2005142

Gita Mahotsav 2023: महिलाओं को भागलपुर की सिल्क साड़ी और मिट्टी की चहचहाती चिड़िया बनी आकर्षण का केंद्र

International Gita Mahotsav: शिल्प मेले में स्टॉल लगाने वाले सिराज ने बताया कि पिछले वर्ष महोत्सव में लगभग 5 लाख रुपये का सिल्क का सामान बेचा था. यहां की बेटियां और महिलाएं उनके सिल्क के सूट, साड़ियों और दुपट्टे को बड़े चाव से खरीदती हैं

Gita Mahotsav 2023: महिलाओं को भागलपुर की सिल्क साड़ी और मिट्टी की चहचहाती चिड़िया बनी आकर्षण का केंद्र

कुरुक्षेत्र: अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के दिन बढ़ने के साथ ही खरीदारों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई है. महोत्सव में आ रही महिलाओं को भागलपुर की सिल्क की साड़ियां लुभा रही हैं. भागलपुर (बिहार) के शिल्पकार मोहम्मद सिराज महोत्सव में एक दर्जन से ज्यादा वैरायटी की साड़ियां लेकर पहुंचे हैं. इसके अलावा सिल्क के सूट और दुपट्टे भी मेले में आ रही युवतियों को भा रहे हैं. साड़ी, सूट और दुपट्टे 1500 से लेकर 5 हजार रुपये तक मिल रहे हैं.

fallback

सिराज ने बताया कि जब से गीता जयंती शुरू हुई है, तब से शिल्पकार महोत्सव में पहुंच रहे हैं. शिल्प मेले में एक स्टॉल पर सिराज ने सिल्क शिल्पकला को सजाया है. उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव उनके लिए खास है. पिछले वर्ष महोत्सव में लगभग 5 लाख रुपये का सिल्क का सामान बेचा था. यहां की बेटियां और महिलाएं उनके सिल्क के सूट, साड़ियों और दुपट्टे को बड़े चाव से खरीदती हैं. 

बच्चों को लुभा रहे वाटर बर्ड 
तमिलनाडु के शिल्पकार कार्तिक पहली बार पहुंंचे गीता महोत्सव पहुंचे हैं. वे बच्चों के लिए मिट्टी से हाथ के खिलौने बनाकर लाए हैं. बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए खिलौनों को ऑर्गेनिक कलर से बनाया गया है. शिल्प मेले में पहुंच रहे बच्चों का ध्यान वाटर बर्ड अपनी ओर खींच रही है. ये बर्ड मिट्टी की बनी है.

fallback

 

मिट्टी से हाथ के खिलौने बनाने वाले शिल्पकार कार्तिक ने बेजान मिट्टी के खिलौने में पानी डालकर पक्षी की आवाज सुनाकर सबको हैरत में डाल दिया। उन्होंने बताया कि ये काम पुश्तों से चला आ रहा है. एनजैडसीसी की तरफ से पहली बार शिल्पकार कार्तिक को इस महोत्सव में आमंत्रित किया गया है. कार्तिक ने कहा कि इस मिट्टी के खिलौने में थोड़ा सा पानी डालकर जब मुंह से हवा छोड़ी जाती है तो खिलौना पक्षियों की आवाज निकालता है.

इस खिलौने की कीमत महज 50 रुपये रखी गई है. उन्होंने कहा कि ब्रह्मसरोवर का मनोहर दृश्य उनके मन को भा गया है. इस महोत्सव में पहले दिन से ही पर्यटक उनके खिलौनों को काफी पसंद कर रहे है. उम्मीद है कि उनका पहला अनुभव बहुत अच्छा साबित होगा. 

इनपुट: दर्शन कैत 

Trending news