Kurukshetra News: धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के पावन पर्व पर ब्रह्मसरोवर के घाटों पर विभिन्न राज्यों की लोक संस्कृति के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे है. इन राज्यों के कलाकार अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर 24 दिसंबर तक लोगों को अपने-अपने प्रदेशों की लोक कला के साथ जोड़ने का प्रयास करेंगे. इस महोत्सव पर आने के लिए देश का प्रत्येक कलाकार आतुर रहता है.


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पर्यटकों को फिर से ब्रह्मसरोवर के तट पर लोक संस्कृति को देखने का अवसर मिला है. उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केन्द्र (NZCC) की तरफ से विभिन्न राज्यों के कलाकार अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में पहुंच चुके हैं. यह कलाकार लगातार 24 दिसंबर 2023 तक अपनी लोक संस्कृति की छठा बिखेरने का काम करेंगे.


अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर वीरवार को विभिन्न राज्यों की कला का संगम उमड़ा और विभिन्न राज्यों की कला के संगम के बीच कलाकार अपने-अपने राज्य की कला का बखूबी बखान किया. कलाकारों का कहना है कि आज के आधुनिक जमाने में भी उन्होंने अपनी कला को जिंदा रखा है, कला के माध्यम से ही आज वह भी जिंदा है और अपनी कला को विदेशों तक पहुंचा रहे हैं. विदेशों की धरती पर भी उनकी कला ने उनका नाम रोशन किया है. गीता महोत्सव में पहुंचे कलाकारों का कहना था कि अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव एक ऐसा जरिया है, जहां पर जहां पर वह पहुंचकर अपनी कला का बखूबी मंचन करते हैं.


विभिन्न राज्यों की अलग-अलग कलाकारों ने कहा कि अब वह फिर से गीता महोत्सव में पहुंचकर अपनी कला को आमजन को दिखाने का काम कर रहे हैं. गीता महोत्सव में जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के कलाकार लोक नृत्य के माध्यम से अपने-अपने प्रदेशों की लोक संस्कृति को प्रदर्शित करने का काम कर रहे हैं.


Input: Darshan Kait