Haryana Kisan News: हरियाणा के कुरुक्षेत्र में बीते कई दिनों से बरसात जारी है बरसात के कारण तापमान में भी गिरावट आएई है. इससे जहां आमजन को गर्मी से राहत मिली है तो वहीं मक्का उगाने वाले किसान काफी परेशान नजर आ रहे हैं. हालात यह है कि किसान मंडियों में पिछले चार-पांच दिन से अपनी फसल लेकर बैठे हैं, लेकिन उनकी फसल बिक नहीं पा रही. लगातार जारी बरसात के कारण मक्के की फसल बरसाती पानी के कारण बार-बार भीग रही है. जिससे मक्का लगातार खराब हो रही है. 


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इसी को देखते हुए व्यापारी भी गीली मक्का खरीदने से परहेज कर रहे हैं. अगर व्यापारी सुखी मक्का नहीं खरीदते तो व्यापारियों को भी नुकसान होगा. इसलिए मक्का के सूखने का इंतजार जारी है. वहीं दूसरी तरफ बरसात भी लगातार मक्के की फसल को भिगाने में लगी है.


कुरुक्षेत्र अनाज मंडी में मक्का उगाने वाले किसान काफी परेशान नजर आ रहे हैं. किसानों का कहना है कि बरसात से उनकी फसल लगातार खराब हो रही है. वहीं मंडी में भी कोई व्यवस्था नहीं है. जिस कारण खुले आसमान के नीचे उनकी मक्का की फसल भीग रही है. किसानों का यह भी कहना है कि सरकार ने मक्का के लिए 1960 रुपये का न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price- MSP) तय किया है, लेकिन उनकी फसल 1100 से लेकर 1700 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रही है. वह भी तब जब फसल बिल्कुल सीखी हो.


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किसानों ने कहा कि हम पिछले 4 दिन से लगातार मंडी में बैठे हैं, लेकिन मक्का न सूखने के कारण मक्का की फसल बिक नहीं पा रही. अगर लागत की बात की जाए तो किसानों के हिसाब से प्रति एकड़ 22000 से 23000 मक्का की फसल पर खर्च आता है. उनकी फसल 18000 से 20000 में प्रति एकड़ के हिसाब से बिक रही है. ऐसे में किसानों को प्रति एकड़ के हिसाब से 4000 से 5000 प्रति एकड़ नुकसान उठाना पड़ रहा है. किसान मौसम की मार के साथ-साथ लावारिस से भी परेशान है. किसान का कहना है कि पशु लगातार मंडी में पड़ी उनकी फसल को खा रहे है, जिससे नुकसान और भी बढ़ जाता है.


वहीं मार्केट कमेटी के सेक्रेटरी हरजीत सिंह का कहना है कि अब तक मंडी में 42000 क्विंटल मक्का की फसल आ चुकी है. अगर पिछले वर्ष की बात की जाए तो पिछले वर्ष 25000 क्विंटल मक्का की फसल आई थी. ऐसे में यह पिछली बार से 17000 क्विंटल अधिक है. उन्होंने कहा कि मक्के की फसल ओपन ऑक्शन के जरिये 1175 से 1700 प्रति क्विंटल के रेट से बिक रही है. उन्होंने कहा कि बरसात के कारण फसल की बिक्री में कुछ कमी आई है, क्योंकि फसल में अभी नमी है जैसे ही फसल सूख जाएगी, फसल की बिक्री करा दी जाएगी. 


INPUT: DARSHAN KAIT