Kurukshetra News: शाहबाद के गांव खरींडवा में बने जोहड़ में दो मासूम बच्चों के डूबने का मामला सामने आया है. मृतक बच्चों की उम्र 10 और 11 साल बताई जा रही है. मिली जानकारी के अनुसार बच्चे दोपहर में घर से खेलने के लिए निकले थे, काफी समय तक जब वो घर वापस नहीं आए तो परिजनों ने उन्हें खोजना शुरू किया. जोहड़ के पास बच्चों के कपड़े देखकर ग्रामीणों ने जोहड़ में उतरकर उनकी तलाश शुरू की. काफी मशक्कत के बाद दोनों बच्चों के शव बाहर निकाले गये. वहीं बच्चों की मौत के बाद ग्रामीणों ने सरपंच पर आरोप लगाये हैं. 


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इस बारे में मृतक के पिता सतीश ने बताया कि वह लाडवा अपने काम पर गये हुए थे, तभी फोन पर सूचना मिली कि उनका बेटा और उसका साथी काफी देर से मिल नहीं रहे. इसके बाद वे भी मौके पर पहुंचे और दोनों बच्चों की तलाश शुरू कर दी. कुछ देर बाद बच्चों के कपड़े जोहड़ के पास से बरामद हुए, जिसके बाद ग्रामीणों मे जोहड़ में उतरकर दोनों बच्चों का शव निकाला.


सरपंच पर आरोप
ग्रामीणों ने बताया कि हर साल जोहड़ की सफाई की जाती है, लेकिन इस बार जोहड़ को 30 से 35 फुट गहरा खोद दिया गया. ग्रामीणों ने सरपंच पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस बार भी जोहड़ की सफाई और मिट्टी निकाली गई, लेकिन ज्यादा मिट्टी निकालने की वजह से जोहड़ गहरा हो गया. जोहड़ में 30 से 35 फुट बरसात का पानी भर गया. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सरपंच की लापरवाही की वजह से ये हादसा हुआ.


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वहीं मौके पर घटना की सूचना पुलिस को भी दी गई. घटनास्थल पर पहुंचे पुलिस अधिकारी ने बताया कि दोनों बच्चों की मौत डूबने के कारण हुई है. ग्रामीणों द्वारा बच्चों को अस्पताल लाया गया, जहां पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई. उन्होंने बताया कि एक मृतक बच्चे के परिजन कार्रवाई की मांग कर रहे हैं और शव को पुलिस को सौंपने पर इनकार कर रहे हैं. फिलहाल जो कार्यवाई परिजन करवाना चाहते है उसे अमल में लाया जाएगा. 


वहीं मौके पर पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी भी पहुंचे और परिवार को इस दुख की घड़ी में ढांढस बंधाया और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया. गांव के सरपंच पर ग्रामीणों द्वारा आरोप लगाए गए की जोहड़ की ज्यादा खुदाई होने की वजह से पानी ज्यादा भर गया,जिसकी वजह से बच्चों की डूबने से मौत हो गई. ग्रामीणों द्वारा लगाये गये आरोप को निराधार बताते हुए सरपंच ने कहा कि कुछ लोग ऐसे मामलों में भी अपना उल्लू सीधा करने का प्रयास करते हैं, लेकिन ऐसा करना बिल्कुल गलत है. जोहड़ की हर साल साफ सफाई की जाती है. मात्र 2 फीट कीचड़ उठाया गया है. बच्चों के छोटे होने की वजह से पांव कीचड़ में धंस गये होंगे, जिसकी वजह से वे डूब गये.


Input- Darshan Kait