Delhi News: दिल्ली के अलीपुर डीएम ऑफिस के बाहर मजदूर संगठन के लोगों ने एकजुट होकर गैरकानूनी तरीके से चलाई जा रही फैक्ट्री के खिलाफ आवाज उठाई है. अलीपुर इलाके के एक फैक्ट्री में लगी आग में करीब 1 दर्जन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. वहीं इस मामले में डीएम द्वारा अभी तक मुआवजे के लिए किसी तरह का कोई सर्वे नहीं कराया गया है और न ही  पीड़ित परिवार को मुआवजे की रकम मिली है. मजदूर संगठन की मांग है कि मुआवजे की रकम 10 लाख से बढ़ाकर 25 लाख की जाए और दिल्ली में चलाई जा रही रिहायशी इलाकों की अवैध फैक्ट्रियों पर जल्द से जल्द से जल्द कानूनी करवाई की जाए. इसी मांगों को लेकर मजदूर संगठन पीड़ित परिवार के साथ डीएम ऑफिस के बाहर जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी कर रहे हैं. 


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11 मजदूरों की हुई मौत 
बीते दिनों दिल्ली की अलीपुर इलाके में एक पेंट फैक्ट्री में भीषण आग लगी, जिसमें 11 मजदूरों की उसी समय दर्दनाक मौत हो गयी. मजदूरों की मौत के लिए कौन जिम्मेदार है. किसकी लापरवाही के चलते यह गैरकानूनी फैक्ट्री चलाई जा रही थी. इस सवाल का जवाब अभी तक सामने नहीं आया है. हालांकि, यह बात बिल्कुल साफ है कि फैक्ट्री गैर कानूनी तरीके से बिना दमकल की एनओसी और बिना परमिशन के चलाई जा रही थी. रिहायसी इलाको  में केवल यही नहीं बल्कि कई अन्य अवैध फैक्ट्रियां चलाई जा रही है, जो किसी भी वक्त बड़े हादसे का कारण बन सकती है. लेकिन, इसके बावजूद इसके उन पर प्रशासन और अधिकारियों द्वारा समय रहते कार्रवाई नहीं की जाती. 


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मुआवजे की रकम बढ़ाने के लिए कर रहे प्रदर्शन
अलीपुर के इस हादसे में जिन लोगों की मौत हुई है, उनको दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 10 लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है. इसके बाद आज मजदूर संगठन के कुछ लोग परिवार के साथ एकत्र हुए और अलीपुर डीएम ऑफिस के बाहर जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी की है. इस नारेबाजी के द्वारा मांग की गई कि मुआवजे की रकम को 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 25 लाख रुपए करना चाहिए. इसी के साथ-साथ दिल्ली में अभी भी रिहायसी इलाकों में कई गैर कानूनी फैक्ट्रियां चलाई जा रही हैं. जिन पर जल्द से जल्द उचित और कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. ऐसी ही मांगों को लेकर आज अलीपुर डीएम ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की गई. फिलहाल पुलिस इन लोगों को समझा बूझकर वहां से हटाने की कोशिश कर रही है. वहीं पीड़ित परिजनों की मांग है कि फैक्ट्री मालिक के साथ-साथ उन अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए जिनकी वजह से यह फैक्ट्रियां चलाई जा रही हैं. समय रहते हैं ऐसी अवैध रूप से चलने वाली फैक्ट्री पर कार्रवाई की जाए.


इनपुट- नसीम अहमद