Delhi Sainik Vihar Leopard News: चौथे दिन JCB मशीन, सुरक्षा कवच पहन हाथों मे बंदूक लेकर चालीस से ज्यादा वनकर्मी तेन्दुए की तलाश में जंगल में उतरे. तीन तरफ से जाल से घेरा. कई घंटे सर्च के बाद वंकर्मियों ने कहा लौट गया तेंदुआ अपने घर वापस चला गया है. जिसके बाद तेंदुआ न मिलने पर केस को बंद कर जंगल में से जाल हटाया गया.
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Delhi Leopard News: शनिवार सुबह से दिल्ली के लोगों पर एक बड़ा खतरा मंडरा रहा था और वह खतरा था बिन बुलाया मेहमान तेंदुआ. जो शनिवार की सुबह साउथ दिल्ली के सैनिक फार्म इलाके में घुस आया. पिछले 4 दिनों से तेंदुए को पकड़ने की वन विभाग और पुलिस की टीम लगातार कोशिश कर रही है. इस तेंदुए ने दो लोगों को जख्मी कर दिया. तेंदुए को पकड़ने के लिए स्ट्रेटजी के तहत सबसे पहले उसे रिहायसी इलाके से पैसेज देते हुए तेंदुए को जंगल के एक किनारे तक लाया गया और तीन तरफ से ढ़ाई एकड़ में फैले उस जंगल को जाल के जरिए कोर्डोन ऑफ किया गया.
इसके साथ ही जंगल के अंदर एक दूसरा पैसेज खुला छोड़ गया, जो कि असोला वाइल्डलाइफ सेंचुरी की तरफ जाता है. जहां से यह तेंदुआ आया था. वन विभाग की कोशिश थी कि तेंदुआ जिस रास्ते से आया है उसी रास्ते वापस चला जाए. आज तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग की पूरी टीम सुरक्षा कवच पहनकर हाथों में डंडे लेकर और दो शूटर लेकर जेसीबी के जरिए जंगल के अंदर दाखिल हुई. जेसीबी के अंदर रेंजर, दो डॉक्टर और दो शूटर मौजूद थे. जो तेंदुआ मिलने पर उसको गन के जरिये बेहोश कर वापस लाते.
ड्रोन के जरिये भी ढ़ाई एकड़ में फैले जंगल को तलाशा गया, लेकिन घंटों के सर्च ऑपरेशन के बाद वन विभाग का कहना है कि तेंदुए को पूरे जंगल में सर्च किया गया, लेकिन तेंदुआ कहीं नहीं मिला और ना ही उसके कोई निशान मिले. ऐसे में वन विभाग का अनुमान है कि वह तेंदुआ जिस रास्ते से असोला वाइल्डलाइफ सेंचुरी से आया था, वह वापस वहीं चला गया है.
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तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग और पुलिस के 40 लोगों की टीम दिन-रात कोशिश कर रही है. सैनिक फार्म में जंगल में तेंदुए को पकड़ने के लिए दो पिंजरे भी लगाए गए. पुलिस ने इलाके में रहने वाले लोगों को ताकीद किया कि वह तब तक घर से बाहर न निकले, जब तक कि तेंदुआ पकड़ा ना जाए और ना ही अपने जानवरों को बाहर निकलने दें. साथ ही हो सके तो घर के बाहर अकेला नहीं निकले के हिदायत दी.
वन विभाग के अधिकारी सुशील जैन के मुताबिक रविवार रात तकरीबन 8:30 बजे नेब सराय थाने के पास जंगल में एक बार फिर तेंदुए को स्पॉट किया गया. उसके बाद से तेंदुआ इस ढ़ाई एकड़ में फैले जंगल में रहा और उसको पकड़ने के लिए दो पिंजरे लगाए गए, जिसमें मांस रखा गया ताकि भूख लगने पर तेंदुआ उस मांस को खाने पिंजरे में घुसे और उसको कैद कर लिया जाए, लेकिन जब पिंजरे में तेंदुआ कैद नहीं हुआ तो फिर उसको पकड़ने के लिए टीम जंगल के अंदर गई, लेकिन टीम ने पाया कि तेंदुआ वापस चला गया और इसलिए अब तेंदुए को पकड़ने के ऑपरेशन को बंद कर दिया गया है.
RWA के अध्यक्ष सुशील कुमार का कहना है कि फिलहाल ऐसा लग रहा है कि तेंदुआ जहां से आया था वहां वापस चला गया है. इसलिए अब तेंदुए का खतरा खत्म हो गया है. जो दहशत इलाके के लोगों में थी, वह खत्म हो गई है और जो जाल जंगल में लगाए गए थे और जो पिंजरा फिक्स किया गया था, उन सभी को हटाया जा रहा है. फिलहाल पिछले 4 दिन से सैनिक फार्म के इलाके में रहने वाले लोग घरों में कैद होकर रह गए थे. घर से बाहर निकलने में उनको डर लगता था क्योंकि इस तेंदुए ने दो लोगों को हमला कर दिया था. अब तेंदुए की दहशत से उन्हें राहत मिली है. जब वो तेंदुआ असोला वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी की तरफ वापस चला गया है.
Input: Mukesh Singh