Kuldeep Kumar News: पिता MCD में सफाईकर्मी, सबसे कम उम्र में बने पार्षद और अब लोकसभा की तैयारी, ये है कुलदीप कुमार की `कहानी`
Kuldeep Kumar Delhi East: आम आदमी पार्टी की ओर से पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाए गए कुलदीप कुमार समान्य परिवार से हैं. उनके पिता सफाईकर्मी हैं. साल 2017 में वो पार्षद बने फिर विधायक और अब लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाए गए हैं.
Kuldeep Kumar Political History: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने हाथ मिलाया है. दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन के बाद दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों में से 4 आम आदमी पार्टी तो 3 सीटें कांग्रेस के खाते में गई हैं. दोनों पार्टियां 'INDIA' गठबंधन के घटक दल हैं. ऐसे में मंगलवार के दिन आम आदमी पार्टी ने चार लोकसभा की सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संदीप पाठक ने प्रत्याशियों की घोषणा करते हुए बताया कि नई दिल्ली सीट से सोमनाथ भारती, पश्चिमी दिल्ली से महाबल मिश्रा, दक्षिणी दिल्ली से सहीराम और पूर्वी दिल्ली से कुलदीप कुमार को उम्मीदवार बनाया गया है. इसके बाद दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक ने इन नामों पर आखिरी मुहर लगा दी. पूर्वी दिल्ली से उम्मीदवार कुलदीप कुमार की अगर बात करें तो यह आम आदमी पार्टी के शुरुआती दिनों से जुड़े हुए हैं. वो काफी समान्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं. आम आदमी पार्टी की टिकट पर वो दिल्ली MCD और दिल्ली विधानसभा की सदन में जा चुके हैं और अब AAP की टिकट पर ही लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे. ऐसे में आइए जानते हैं कुलदीप कुमार की पूरी 'कहानी...
कुलदीप कुमार की पर्सनल लाइफ
करीब 34 साल के कुलदीप कुमार 12वीं पास हैं. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से भी शिक्षा ली है. चुनाव आयोग की रिपोर्ट्स अनुसार कुलदीप कुमार की चल संपत्ति 780,000 है. वहीं 1,900,000 उनकी अचल संपत्ति हैं. कुल संपत्ति 2,680,000 के साथ-साथ उनकी आय 350,000 रुपये है. जानकारी के अनुसार कुलदीप शादीशुदा हैं और फिलहाल उनकी कोई संतान नहीं है. कुलदीप कुमार के पिता दिल्ली नगर निगम में बतौर सफाईकर्मी कार्यरत हैं. कुलदीप कुमार 'मोनू' नाम से भी जाने जाते हैं.
सबसे कम उम्र के पार्षद बने
कुलदीप कुमार काफी सामान्य परिवार से आते हैं. उनके पिता नगर निगम में सफाई कर्मचारी के पद पर कार्यरत हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कुलदीप ने 18 साल की उम्र में ही अम्बेडकर आंदोलन का नेतृत्व किया था और शिक्षा के प्रति जागरूकता के लिए दलित युवाओं को लामबंद किया था. दिल्ली विश्वविद्यालय के श्यामलाल कॉलेज से उन्होंने हिस्ट्री ऑनर्स में शिक्षा प्राप्त की. इसके बाद अन्ना आंदोलन में काफी सक्रियता से अपनी भूमिका अदा की. पूर्वी दिल्ली इलाके में वो आम आदमी पार्टी के काफी सक्रिय कार्यकर्ता रहे. इसके बाद साल 2017 में उन्हें कल्याणपुरी वार्ड से सबसे कम उम्र के निगम पार्षद चुने गए. कम उम्र होने के बावजूद पार्टी ने कुलदीप कुमार पर भरोसा जताते हुए उन्हें MCD सदन में विपक्ष के नेता के तौर पर नामित कर दिया. इसके अलावा कुलदीप कुमार को अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति विंग का अध्यक्ष बनाया गया.
साल 2020 में सबसे कम उम्र के विधायकों में से एक
इसके बाद तीन साल के अंदर ही पार्टी ने उन्हें कोंडली विधानसभा से दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के लिए टिकट दिया. इस चुनाव में उन्होंने अपने निकटतम प्रत्याशी भाजपा उम्मीदवार राजकुमार ढिल्लो को 17,907 वोटों से हराया. 53.11% वोट शेयर और 68,348 वोटों के साथ वो दिल्ली विधानसभा के सदस्य चुने गए. इसके साथ ही वो सबसे कम उम्र के विधायकों में एक बनें. कुलदीप कुमार 'मोनू भैया' के नाम से युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं. वो पूर्वी दिल्ली के दो बड़े अस्पताल लाल बहादुर शास्त्री हॉस्पिटल खिचड़ीपुर और गुरुतेग बहादुर हॉस्पिटल दिलशाद गार्डन के चेयरमैन के तौर पर नियुक्त हैं.
ये भी पढ़ें: 12वीं पास महाबल मिश्रा ने ऐसे तय किया पार्षद से लेकर सांसद बनने तक का सफर
पूर्वी दिल्ली सीट की गणित
कुलदीप कुमार को आम आदमी पार्टी ने पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से बतौर उम्मीदवार उतारा. ये सीट अनारक्षित है. बावजूद इसके SC समुदाय से ताल्लुक रखने वाले कुलदीप कुमार को इस सीट से प्रत्याशी बनाया गया है. राजनीतिक जानकारों की मानें तो कुलदीप कुमार के जरिए आम आदमी पार्टी ने दलित वोटों पर सेंधमारी की कोशिश की है. दरअसल, विधानसभा चुनावों में दलित समुदाय आम आदमी पार्टी को वोट करता है, लेकिन दूसरी ओर लोकसभा चुनाव में भाजपा के खाते में ये वोट जाते हैं. पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में करीब चार लाख से ज्यादा वाल्मीकि और दलित वोट हैं. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने संजय गहलोत को दलित वोटों में सेंथमारी करने के लिए उतारा था. वहीं, साल 2019 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस अलग-अलग होकर चुनावी रण में उतरी थी. पूर्वी दिल्ली सीट से भाजपा ने गौतम गंभीर को प्रत्याशी बनाया था, जिन्हें 696,158 वोट मिले थे. वहीं, कांग्रेस की ओर से लड़ रहे अरविंदर सिंह लवली को 3,04,934 वोट और 'आप' की ओर से चुनावी मैदान में उतरीं आतिशी मार्लेना को 2,19,328 वोट मिले थे. इस हिसाब से देखा जाए तो अब जब आम आदमी पार्टी और कांग्रेस साथ मिलकर लड़ रही हैं तो इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के लिए इस सीट पर पेंच फंस सकता है.
क्या है पूर्वी दिल्ली सीट का इतिहास
पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट दिल्ली के 7 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है. यह निर्वाचन क्षेत्र साल 1996 में अस्तित्व में आया था. साल 2008 में संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के बाद लगभग 25 लाख की आबादी वाले इस निर्वाचन क्षेत्र में दिल्ली विधानसभा के 8 क्षेत्र हैं. जिनमें कोंडली, पटपड़गंज, लक्ष्मी नगर, विश्वास नगर, कृष्णा नगर, गांधी नगर, शाहदरा और जंगपुरा शामिल हैं.
यहां देखें पूर्वी दिल्ली से जीते अबतक के उम्मीदवारों की सूची
सदस्य का नाम | राजनीतिक दल | अवधि |
---|---|---|
हरदयाल देवगन | भारतीय जन संघ | 1967-71 |
हरि कृष्ण लाल भगत | कांग्रेस | 1971-77 |
किशोर लाल | जनता पार्टी | 1977-80 |
हरि कृष्ण लाल भगत | कांग्रेस | 1980-84 |
हरि कृष्ण लाल भगत | कांग्रेस | 1984-89 |
हरि कृष्ण लाल भगत | कांग्रेस | 1989-91 |
बैकुंठ लाल शर्मा | भाजपा | 1991-96 |
बैकुंठ लाल शर्मा | भाजपा | 1996-97 |
लाल बिहारी तिवारी | भाजपा | 1997-98 |
लाल बिहारी तिवारी | भाजपा | 1998-99 |
लाल बिहारी तिवारी | भाजपा | 1999-2004 |
संदीप दीक्षित | कांग्रेस | 2004-09 |
संदीप दीक्षित | कांग्रेस | 2010-14 |
महेश गिरी | भारतीय जनता पार्टी | 2014-19 |
गौतम गंभीर | भारतीय जनता पार्टी | 2019-24 |