Delhi Election 2025: प्रवेश वर्मा के आवास पर ED-CBI से रेड की मांग, BJP नेता पर लगा लोगों को पैसे बांटने का आरोप
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में जहां से अरविंद केजरीवाल चुनाव लड़ते हैं, वहां बीजेपी लोगों के वोटर कार्ड चेक करके उन्हें पैसे बांट रही है.
Delhi Election 2025: दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में जहां से अरविंद केजरीवाल चुनाव लड़ते हैं, वहां बीजेपी लोगों के वोटर कार्ड चेक करके उन्हें पैसे बांट रही है. इसको लेकर आतिशी ने बीजेपी नेता प्रवेश वर्मा का नाम लिया है.
प्रवेश वर्मा पर वोट खरीदने का आरोप
सीएम आतिशी ने विशेष रूप से बीजेपी नेता प्रवेश वर्मा का नाम लिया. उनका कहना है कि प्रवेश वर्मा को सांसद के तौर पर मिले पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है. आज उन्हें अपने सरकारी आवास पर पैसे बांटते हुए पकड़ा गया. यह घटना उस समय हुई, जब महिलाएं झुग्गियों से बुलाकर वहां लाई गई थीं और उन्हें 1100 रुपये के लिफाफे दिए गए.
प्रलेश वर्मा के आवास पर रेड की मांग
आतिशी ने ईडी और सीबीआई से अपील की है कि प्रवेश वर्मा के आवास पर छापा मारें, क्योंकि उनके अनुसार वहां करोड़ों रुपये की नकदी रखी हुई है. उन्होंने चुनाव आयोग से भी मांग की कि वह इस मामले में तुरंत कार्रवाई करें और प्रवेश वर्मा को गिरफ्तार करें.
प्रवेश वर्मा का आतिशी पर पलटवार
बीजेपी नेता प्रवेश वर्मा ने सीएम आतिशी के आरोपों का जोरदार जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से आम आदमी पार्टी (आप) के नेता उनके घर के आसपास घूम रहे हैं. वर्मा ने अपने पिता की संस्था का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी संस्था ने पिछले 25 वर्षों में कई सामाजिक कार्य किए हैं.
सामाजिक कार्यों का हवाला
प्रवेश वर्मा ने बताया कि उनके पिता ने गुजरात में भूकंप के बाद गांवों का निर्माण किया था और ओडिशा में भी चार गांव बसाए थे. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी संस्था शहीदों के परिवारों की मदद करती है, जिससे यह साबित होता है कि वे जरूरतमंदों की सहायता के लिए प्रतिबद्ध हैं.
सीएम आतिशी के आरोपों और बीजेपी के जवाब के बाद राजनीतिक माहौल और भी गर्म हो गया है. आतिशी ने कहा कि बीजेपी हारा हुआ चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है, जबकि वर्मा ने अपनी संस्था के कार्यों को उजागर कर अपनी स्थिति को मजबूत करने का प्रयास किया है. यह मामला अब चुनाव आयोग और पुलिस के समक्ष पहुंच गया है, जिससे आगे की कार्रवाई का इंतजार है.