Delhi News: SC के फैसले के बाद सख्त हुई दिल्ली सरकार, IAS आशीष मोरे को जारी किया नोटिस
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana1696806

Delhi News: SC के फैसले के बाद सख्त हुई दिल्ली सरकार, IAS आशीष मोरे को जारी किया नोटिस

Delhi News: सेवा विभाग के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सर्विसेज विभाग के सचिव आशीष मोरे को कारण बताओ नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब मांगा है. नोटिस का जवाब नहीं देने पर उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाएगी.

Delhi News: SC के फैसले के बाद सख्त हुई दिल्ली सरकार, IAS आशीष मोरे को जारी किया नोटिस

Delhi News: दिल्ली सरकार के सर्विसेज विभाग के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सर्विसेज विभाग के सचिव आशीष मोरे को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इस नोटिस में उनसे पूछा गया है कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही क्यों ना शुरू की जाए? जिसका जवाब आशीष मोरे को 24 घंटे के अंदर देना है. 

दरअसल हाल ही दिल्ली सरकार और LG के बीच शुरू अधिकारों की लड़ाई के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासनिक सेवाओं पर दिल्ली सरकार का नियंत्रण होना तय किया था.  जिसके बाद सौरभ भारद्वाज ने सेवा विभाग के सचिव आशीष मोरे का तबादला कर उनकी जगह पर एके सिंह को नियुक्त किया, लेकिन आशीष मोरे ने ना तो इस आदेश का पालन किया और ना ही फाइल को मंत्री के पास पेश किया. वो बिना बताए ऑफिस से निकल गए.

मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सीनियर आईएएस आशीष मोरे पर आरोप लगाया की उन्हें फोन किया गया, एसएमएस किया गया, नोट भेजा गया, लेकिन उन्होंने किसी का जवाब नही दिया और फोन भी बंद कर लिया. जिसके बाद सेवा विभाग के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सर्विसेज विभाग के सचिव आशीष मोरे को कारण बताओ नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब मांगा है. नोटिस का जवाब नहीं देने पर उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें- Delhi Govt vs LG: फैसले के अगले ही दिन फिर SC पहुंची AAP सरकार, कहा- हो रही अदालत की अवमानना

 

केंद्र पर आरोप
आशीष मोरे को नोटिस जारी करने से पहले दिल्ली सरकार SC का रुख भी कर चुकी है. हाल ही में राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने CJI की बेंच के सामने मामला रखते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने सेवा विभाग के सचिव आशीष मोरे को पद से हटाने को कहा है, लेकिन केंद्र सरकार इसकी मंजूरी नहीं दे रही है. ये अदालत की अवमानना का मामला बनता, जिसके बाद CJI ने कहा कि हम इसके लिए बेंच का गठन करेंगे.

सुप्रीम कोर्ट का फैसला
दिल्ली में अधिकारियों की पोस्टिंग और उनके ट्रांसफर के अधिकार की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया.CJI ने अपने फैसले में कहा कि दिल्ली भले ही केंद्रशासित प्रदेश हो पर इसे जमीन, पुलिस, पब्लिक आर्डर को छोड़कर बाकी मसलों पर कानून बनाने का अधिकार है. सरकार के काम पर पूरा अधिकार केंद्र को नहीं दिया जा सकता. लोकतंत्र और संघवाद हमारे संविधान के सबसे अहम सिद्धांत है और संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है. लोकतांत्रिक ढांचे में प्रशासन की वास्तविक शक्ति चुनी हुई सरकार के हाथों में होती है. अगर अधिकारी ये महसूस करेगे कि चुनी हुई सरकार का उन पर नियंत्रण ही नहीं है तो निश्चित तौर पर उनकी कार्यक्षमता प्रभावित होगी. अगर सरकार का अधिकारियों पर नियंत्रण नहीं होगा तो सरकार पॉलिसी को कैसे लागू करेगी.

 

 

Trending news