Kaithal Hindi News: हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (HSGPC) के पूर्व सदस्य जगदीश सिंह झींडा गुट की बैठक में तय हुआ है कि हरियाणा के विभिन्न जिलों में जाकर समाज के लोगों से राय मांगी जाएगी कि चुनाव लड़ा जाए या नहीं.
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Kaithal News: कैथल डोगरा गेट स्थित नीम साहिब गुरुद्वारा में हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (HSGPC) के पूर्व सदस्य जगदीश सिंह झींडा गुट के सदस्यों ने बैठक की. इस बैठक में लोकसभा चुनाव को लेकर सिखों के हस्तक्षेप को लेकर चर्चा की गई. आगामी चुनाव लड़ना चाहिए या नहीं. अगर नहीं तो किस पार्टी को समर्थन देना है, क्या मांग-मुद्दे रहेंगे. इसको लेकर चर्चा की गई.
हरियाणा में कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए सिखों के 15 से 20 लाख वोट निर्णायक साबित हो सकते हैं. कुरुक्षेत्र, अंबाला, करनाल और सिरसा लोकसभा सीटों पर सिख वोटर चुनाव में जीत-हार में निर्णायक भूमिका निभाते हैं.
इसके लिए बैठक में जगदीश सिंह झींडा ने बताया कि लोकसभा चुनाव को लेकर बैठक की गई. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा हो चुकी है. इससे पहले ही सिख समाज की ओर से एक 11 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था. इस कमेटी की ओर से सोमवार को बैठक की गई है. इसमें चर्चा की गई कि सिख समाज के लोगों को चुनाव में हिस्सा लेना चाहिए या नहीं. अगर नहीं लेना तो किस पार्टी का समर्थन किया जाना है. इस पर भी विचार किया गया है. इस 11 सदस्यीय कमेटी में सात और सदस्य जोड़कर 18 सदस्यीय कमेटी बनाया गया है. अब इसको लेकर पांच सदस्यीय अनुशासन कमेटी का गठन किया गया है. इसके साथ दो प्रवक्ता नियुक्त किए गए हैं.
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उन्होंने कहा कि अभी चुनाव प्रक्रिया के तहत मतदान में दो महीने से अधिक का समय बाकी है. बैठक में फैसला लिया गया कि पहले सिख बाहुल्य जिलों में जाकर विचार विमर्श किया जाएगा कि समाज चुनाव में हिस्सा ले या नहीं. इसके तहत 20 मार्च को पंचकूला, 21 मार्च को यमुनानगर, 22 को अंबाला, 23 को कुरुक्षेत्र, 24 को करनाल और पानीपत, 25 को कैथल और जींद, 26 मार्च को फतेहाबाद सिरसा में पहुंचकर सिखों की राय जानी जाएगी. इसके बाद 30 मार्च को करनाल में पूरे प्रदेश के सिखों की एक प्रदेश स्तरीय बैठक बुलाई जाएगी, इसमें निर्णय लिया जाएगा कि चुनाव लड़ा जाए या नहीं.
झींडा ने कहा कि हमारे दो मुद्दे संसद से जुड़े हुए हैं. पहला मुद्दा है कि किसानों के लिए MSP की गारंटी पर कानून बनाया जाए. दूसरा है कि सुप्रीम कोर्ट ने जिन सिख भाइयों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. सजा खत्म हुए 10 से 20 साल हो गए हैं, लेकिन इसके बावजूद वो अब तक जेल में बंद हैं. उन सिख समाज के लोगों को रिहा किया जाए. हमारे इन मुद्दों को जो पार्टी अपने चुनावी घोषणा पत्र में लेगी उसके बाद हम पूरे हरियाणा के सिख समाज की मीटिंग में समर्थन का फैसला करेंगे.
Input: Vipin Sharma