Haryana Political News: हरियाणा की राजनीति में कभी धुर विरोधी रहे 3 'लाल' के नाम मशहूर चौधरी देवीलाल, चौधरी बंसीलाल और चौधरी भजनलाल का परिवार अब एक ही राजनीतिक पार्टी BJP के समर्थन में हैं.
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Haryana News: हरियाणा में नायब सिंह सैनी के मुख्यमंत्री बनने के बाद कांग्रेस ने हरियाणा सरकार को अल्पमत की सरकार बताकर फ्लोर टेस्ट कराने की आवाज उठाई थी. हालांकि सीएम समेत बीजेपी का हर दिग्गज नेता इस बात को नकारता रहा. यहां तक कि उन्होंने कांग्रेस को ही ही सलाह दे डाली कि वे अपने विधायक संभालकर रखें. अब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सबसे संगठित पार्टी होने का दावा करने वाली बीजेपी ने विपक्ष को दिखा दिया कि राजनीति में सबकुछ मुमकिन है. हरियाणा की राजनीति में कभी धुर विरोधी रहे 3 'लाल' के नाम मशहूर चौधरी देवीलाल, चौधरी बंसीलाल और चौधरी भजनलाल का परिवार एक ही राजनीतिक पार्टी के समर्थन में हैं. चौधरी भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई और चौधरी देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला के बाद अब चौधरी बंसीलाल के परिवार से किरण चौधरी और श्रुति चौधरी ने BJP का दामन थाम लिया है.
BJP को मिला तीनों 'लाल' परिवारों का साथ
किरण चौधरी के BJP में शामिल होने पर कैबिनेट मंत्री सुभाष सुधा ने अपनी खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि आज हरियाणा के तीनों 'लाल' के परिवार बीजेपी के साथ हैं. BJP में ऐसे लोगों का विश्वास है जो काम करना चाहते हैं, पार्टी की नीतियो को देखकर ही किरण चौधरी कांग्रेस से BJP में शामिल हुई हैं. बीजेपी में सभी लोगों को समान सम्मान मिलता है.
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हरियाणा के तीन लाल
1. चौधरी भजनलाल
चौधरी भजनलाल ने कांग्रेस में रहते हुए 3 बार हरियाणा के सीएम बने. पहली बार 1979, 1982 और फिर 1991 में उन्होंने हरियाणा की बागडोर संभाली. साथ ही चौधरी भजनलाल केंद्र में कृषि मंत्री भी रहे. 2005 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा को CM बनाने के बाद वो कांग्रेस से नाराज हो गए और बेटे के साथ मिलकर हजकां पार्टी बनाई. भजनलाल की मौत के बाद एक बार फिर 2016 में कुलदीप बिश्नोई अपनी पार्टी हजकां का कांग्रेस में विलय कर लिया. हालांकि, कांग्रेस और कुलदीप बिश्नोई का साथ ज्यादा लंबा नहीं चला और 6 साल बाद उन्होंने साल 2022 में BJP ज्वाइन कर ली. फिलहाल, कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोईआदमपुर सीट से बीजेपी के विधायक हैं.
2. चौधरी देवीलाल
चौधरी देवीलाल साल 1977 और 1987 में दो बार हरियाणा के CM रहे. इसके साथ ही वो 1989 से 21 जून 1991 तक देश के उपप्रधानमंत्री भी रहे. चौधरी देवीलाल के बड़े बेटे ओमप्रकाश चौटाला अपनी खुद की पार्टी इनेलो को संभाल रहे हैं. अजय चौटाला ने अपने दोनों बेटों दुष्यंत और दिग्विजय के साथ मिलकर JJP बनाई, जिसने साल 2019 के विधानसभा चुनाव में 10 सीटें जीतने के बाद BJP को अपना समर्थन दे दिया. हालांकि, लोकसभा चुनाव से पहले ये गठबंधन टूट गया.
चौधरी देवीलाल के तीसरे बेटे रणजीत चौटाला ने साल 2019 में रानियां सीट से टिकट कटने के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें जीत मिली. इसके बाद उन्होंने BJP को समर्थन दे दिया और लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने BJP की सदस्यता ले ली.
3. चौधरी बंसीलाल
चौधरी बंसीलाल 1967, 1972, 1986, 1996 में 4 बार हरियाणा के CM रहे. इसके साथ ही उन्होंने केंद्र में भी जिम्मेदारी संभाली. चौधरी बंसीलाल के बाद उनके बेटे सुरेंद्र सिंह भी हरियाणा सरकार में मंत्री रहे.सुरेंद्र सिंह की मौत के बाद उनकी पत्नी किरण चौधरी ने चौधरी बंसीलाल की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया. किरण चौधरी ने पहली बार 2005 में चुनाव लड़ा और MLA बनीं. साथ ही हुड्डा कैबिनेट में मंत्री भी रहीं. किरण चौधरी लगातार अपनी पैतृक विधानसभा सीट तोशाम से जीत हासिल करती रहीं, साथ ही अपनी बेटी को आगे करने के प्रयास में भी जुट गईं.
साल 2009 में किरण चौधरी की बेटी श्रुति ने अपना पहला चुनाव भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से लड़ा और जीत हासिल की, लेकिन इसके बाद साल 2014 और 2019 दोनों चुनाव में श्रुति हार गईं. लगातार 2 हार के बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में श्रुति को कांग्रेस ने टिकट नहीं दी. जिसके बाद किरण चौधरी ने अपनी बेटी के साथ BJP ज्वाइन कर ली.