Haryana Vidhansabha Chunav: हरियाणा की 'चुनावी फिल्म' में एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने एंट्री ली है.  प्रवर्तन निदेशालय ने भूपेंद्र हुड्डा, मेसर्स ईमार इंडिया लिमिटेड (EMAAR) और MGF डेवलपमेंट लिमिटेड के साथ-साथ अन्य कई आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में 834 करोड़ रुपये संपत्ति कुर्क की है. ये संपत्ति दिल्ली और गुरुग्राम के 20 गांवों में हैं.  


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सस्ते दाम पर जमीन खरीदने का आरोप
इनपर आरोप है कि भूपेंद्र हुड्डा सहित कंपनियों ने नगर एंव ग्राम नियोजन विभाग (DTCP) के तत्कालीन डायरेक्टर त्रिलोक चंद गुप्ता के संग मिलकर सस्ते दामों पर जमीन के मालिक बन गए थे. इस वजह से न केवल लोगों को नुकसान हुआ, बल्कि सरकार को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा.


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6 साल पहले दर्ज हुआ था मुकदमा
बता दें कि 6 साल पहले गुड़गांव में 1,417 एकड़ जमीन पर अधिग्रहण में भ्रष्टाचार के मामले में CBI ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के ऊपर केस दर्ज किया था. केस दर्ज होने के बाद CBI ने भूपेंद्र हुड्डा के  रोहतक स्थित घर के साथ-साथ दिल्ली, गुड़गांव, मोहाली और चंडीगढ़ के कई बिल्डर्स के 20 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की थी.


साल 2009 में जारी की गई थी अधिसूचना
इस मामले में भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 की धारा 4 के साथ-साथ धारा 6 के अधिनियम के तहत अधिसूचना जारी की गई थी. इस वजह से जमीन मालिकों को अपनी जमीनों को कई कंपनियों को कम दाम में बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा था. दरअसल, साल 2009 में हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम के सेक्टर 58 से 63, सेक्टर 65 से 67 की 1417.07 एकड़ की भूमि पर भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 की धारा-4 के तहत अधिसूचना जारी की थी. इस मामले में ED ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा से इसी साल जनवरी महीने में मानेसर लैंड डील केस में चंडीगढ़ में करीब 7 घंटे पूछताछ की थी.


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