New Delhi Assembly Seat: डीईओ ऑफिस में शांति भंग की आशंका, पुलिस फोर्स तैनात करने की मांग
Delhi Election 2025: एडीएम ने क्षेत्रीय डीसीपी को पत्र लिखकर कहा है कि डीईओ समेत कार्यालय के कर्मचारियों पर दबाव डाले जाने की आशंका है. इससे चुनाव प्रक्रिया में विघ्न आ सकता है. डीईओ की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए.
New Delhi Assembly Election: नई दिल्ली विधानसभा सीट पर मतदाता सूची से वोटर्स के नाम गलत तरीके से हटाने और जोड़ने के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी और बीजेपी में जुबानी जंग जारी है. सीएम आतिशी ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर इसके सबूत दिए और उनसे मुलाकात का समय मांगा. इसके बाद एडीएम ने क्षेत्रीय डीसीपी को पत्र लिखकर शांति भंग होने की आशंका जताई है और जिला चुनाव अधिकारी (DEO) के कार्यालय में पुलिसकर्मियों की तैनाती करने का अनुरोध किया.
एडीएम के पत्र के मुताबिक दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की जिला चुनाव कार्यालय में बार-बार उपस्थिति देखी जा रही है. इस दौरान शांति भंग होने और डीईओ समेत कार्यालय के कर्मचारियों पर दबाव डाले जाने की आशंका है. इससे चुनाव प्रक्रिया में विघ्न आ सकता है. एडीएम ने निवेदन किया कि डीईओ कार्यालय यानी 12/1 जाम नगर हाउस में पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाए ताकि कानून और व्यवस्था बनाए रखी जा सके और किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके. इसके अलावा हालिया घटनाक्रम को देखते हुए डीईओ की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए.
वोट काटने के आवेदन पर नहीं किया गया वेरिफिकेशन
दरअसल आम आदमी पार्टी की ओर से सीईसी को सिलसिलेवार तरीके से बताया गया कि 29 अक्टूबर 2024 से लेकर 2 जनवरी 2025 तक नई दिल्ली सीट पर 13276 वोटर्स जोड़े गए. वहीं इसी अवधि के दौरान 6166 मतदाताओं के वोट काट दिए गए. 29 अक्टूबर 2024 तक कुल मतों की संख्या 1,06,873 है. इस हिसाब से करीब 5.77% वोट हटाए गए.
ऐसे आवेदन मिले तो क्या हैं नियम
नियमों के अनुसार, यदि हटाने के लिए प्रस्तावित मतों की संख्या कुल मतों के 2% से अधिक हो तो निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO) व्यक्तिगत रूप से इसकी जांच करेगा और जो अनुरोध ईआरओ द्वारा क्षेत्रीय सत्यापन के बाद सही पाए जाएंगे, उन्हें सुनवाई के लिए ईआरओ नोटिस भेजेंगे। इस मामले में नई दिल्ली विधानसभा में 2% से अधिक मतों को हटाने का प्रस्ताव है, इसलिए इन नियमों का पालन किया जाना चाहिए. ईआरओ ने कोई क्षेत्रीय दौरा नहीं किया. बस उन्होंने 27 दिसंबर 2024 को सिर्फ बीएलए के साथ एच ब्लॉक टाइप 1 काली बाड़ी और काली बाड़ी झुग्गी क्षेत्र का दौरा किया और बिना किसी सत्यापन के लौट आए). ईआरओ ने हमारे कई मौखिक और लिखित अनुरोधों के बावजूद क्षेत्रीय सत्यापन किए बिना वोट हटा दिए. ईआरओ का कहना है कि उनके लिए इतनी अधिक संख्या में क्षेत्रीय सत्यापन करना शारीरिक रूप से संभव नहीं है. ईआरओ ने 2900 मतदाताओं को 2, 3, 4 और 6 जनवरी को अपने कार्यालय में व्यक्तिगत सुनवाई के लिए नोटिस भेजे हैं. उन्होंने आपत्तिकर्ताओं को भी इन सुनवाईयों के लिए आमंत्रित किया। हम यह कहना चाहते हैं कि ये नोटिस अवैध हैं, क्योंकि इन्हें ईआरओ ने व्यक्तिगत क्षेत्रीय सत्यापन किए बिना भेजा है.
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