Farmers: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण दफ्तर पर आज किसानों की महापंचायत आयोजित की जाएगी. यह महापंचायत उन किसानों के लिए है जो जमीन अधिग्रहण से प्रभावित हुए हैं. किसानों ने इस बार आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया है, जिससे उनकी मांगों को लेकर गंभीरता से विचार किया जाएगा. आंदोलन में देश के प्रमुख किसान नेता राकेश टिकैत, हन्नान मौला और दशरथ कुमार भी शामिल होंगे.


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विभिन्न जिलों के किसानों की भागीदारी
इस महापंचायत में गाजियाबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़ और आगरा के किसान भी शामिल होंगे. किसान नेताओं का दावा है कि इस आंदोलन में 20 जिलों के किसान भाग लेंगे. पिछले 15 दिनों से गांवों में जनजागरण किया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक किसान इस महापंचायत में शामिल हो सकें.


किसानों का रोष और मांगें
किसानों में अधिकारियों द्वारा बार-बार वादाखिलाफी के कारण रोष है. किसान नेता सुनील फौजी एडवोकेट ने बताया कि जमीन अधिग्रहण से प्रभावित सभी किसानों को 10 फीसदी विकसित प्लॉट, 64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा, बाजार दर का 4 गुना मुआवजा, किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्वास जैसे लाभ दिए जाने की मांग की जाएगी.


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महापंचायत से महापड़ाव तक का सफर
25 नवंबर को होने वाली महापंचायत के बाद यह महापड़ाव में बदल जाएगी. 28 नवंबर से 1 दिसंबर तक यमुना प्राधिकरण पर महापड़ाव आयोजित किया जाएगा. इसके बाद 2 दिसंबर को दिल्ली की ओर कूच किया जाएगा. इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए किसान एकता महासंघ ने जनसंपर्क अभियान शुरू कर दिया है.


सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम
सान पंचायत को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए हैं. प्राधिकरण पर पुलिस की तैनाती कर दी गई है और जिले के विभिन्न थानों की पुलिस भी लगाई गई है. एडीसीपी ग्रेटर नोएडा अशोक कुमार ने कहा कि सुरक्षा के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है.


समर्थन और संगठन की तैयारी
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर होने वाली इस महापंचायत को कई किसान संगठनों और अन्य का समर्थन मिला है. किसान एकता महासंघ की बैठक में संगठन के राष्ट्रीय महासचिव अमित नागर ने बताया कि संगठन गांव-गांव जाकर युवाओं को जागरूक कर रहा है. जल्द ही किसानों की समस्याओं को लेकर एक आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी.