Ghaziabad Dudheshwar Nath Temple: गाजियाबाद का दूधेश्वरनाथ मंदिर देश के सबसे प्राचीनतम मंदिरों में से एक है. महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर महादेव पर जल चढ़ाने के लिए यहां लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है. देर रात से ही यहां भक्तों की लंबी कतार नजर आ रही है.दूधेश्वर नाथ मंदिर में भगवान भोलेनाथ का प्रातः काल भव्य श्रृंगार और आरती की गई, इस दौरान भक्त भी महादेव की भक्ति के रंग में सराबोर नजर आए. ऐसी मान्यता है कि आज के दिन भगवान भोलेनाथ को जल अर्पित कर ने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और जीवन में आने वाली सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती है. 


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देर रात से लगने लगी भक्तों की भीड़
सुबह के समय मंदिर में लगने वाली भीड़ को देखते हुए यहां देर रात से ही भक्तों की भीड़ उमड़ना शुरू हो गई. आप तस्वीरों में देख सकते हैं कि महादेव के दर्शन के लिए यहां पर हजारों की संख्या में लोग एकत्र हुए हैं. मंदिर के बाहर तक भक्तों की लंबी कतार है. महिला, पुरुष, बच्चे और बुजुर्ग सभी अपने इष्टदेवता भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करने के लिए मंदिर में पहुंच रहे हैं. इस दौरान भक्त बार-बार जय भोलेनाथ का उद्घोष भी कर रहे हैं. दूधेश्वरनाथ मंदिर देश के प्राचीन मंदिरों में से एक है, यही वजह है कि यहां पर दूर-दूर से लोग भोले बाबा का आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचते हैं. 


 



 


पौराणिक मान्यता
दूधेश्वरनाथ मंदिर को लेकर कई पौराणिक मान्यताएं हैं. ऐसा कहा जाता है कि लंकापति रावण के पिता ऋषि विश्रवा ने यहीं पर भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए कठोर तप किया था.  विश्रवा के बाद रावण ने भी यहां भगवान भोलेनाथ की अराधना की. पुराणों में हिरण्यगर्भ ज्योतिर्लिंग के तौर पर इस मंदिर का वर्णन किया जाता है, जहां से हिरण्यदा नदी के प्रवाहित होने का जिक्र है. वर्तमान में हिरण्यदा नदी को ही हिंडन नदी के नाम से जाना जाता है. हर साल महाशिवरात्रि पर लाखों की संख्या में भक्त यहां पर महादेव का आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचते हैं.