Wrestlers Protest: जतंर-मंतर से उखाड़े गए टेंट, हिरासत में पहलवान, बॉर्डर पर भी बढ़ी खींचतान
Mahila Mahapanchayat: पुलिस द्वारा रेसलर्स को हिरासत में लिया गया है, वहीं जतंर-मंतर पर लगे पहलवानों के टेंट को हटाया जा रहा है.
Mahila Mahapanchayat: बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तरी की मांग को लेकर पहलवानों का धरना एक महीने से ज्यादा समय से जारी है. नए संसद भवन के उद्घाटन पर पहलवानों की तरफ से महिला पंचायत की जानी थी, लेकिन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दिल्ली पुलिस ने पहलवानों को महिला पंचायत की अनुमति नहीं दी. वहीं हरियाणा, पंजाब, यूपी और राजस्थान से पहलवानों के समर्थन के लिए दिल्ली पहुंच रहे खाप प्रतिनिधियों और किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया है.
पहलवानों की महिला पंचायत को देखते हुए जतंर-मंतर पर दिल्ली पुलिस द्वारा सुरक्षा बढ़ा दी गई थी. जिसके बाद पहलवानों ने बेरिकेडिंग को तोड़कर बाहर जाने की कोशिश की, पुलिस द्वारा महिला पंचायत को रोकने के लिए कई रेसलर्स को हिरासत में लिया गया है. वहीं पुलिस के सूत्रों की माने तो पहलवानों ने धारा-144 का उल्लंघन किया है, जिसकी वजह से अब किसी भी पहलवान या प्रदर्शकारी को धरना स्थल पर नही आने दिया जाएगा. दिल्ली पुलिस द्वारा जतंर-मंतर पर लगे पहलवानों के टेंट को हटाया जा रहा है.
बॉर्डर से हिरासत में लिए गए खाप प्रतिनिधि
खिलाड़ियों के समर्थन में सांगवान, फोगाट, श्योराण सहित कई खाप प्रतिनिधि महिलाएं एकजुट होकर दिल्ली पहुंचने की कोशिश कर रही थीं, जिन्हें पुलिस द्वारा रास्ते में ही रोक दिया गया. इस बीच खाप प्रतिनिधियों के साथ पुलिस की झड़प भी हुई. पुलिस द्वारा खाप प्रतिनिधियों को नजरबंद कर दिया गया. पुलिस की कार्यवाई से नाराज खाप प्रतिनिधियों ने नारेबाजी करते हुए अपना रोष जताया.
ये भी पढ़ें- Mahila Mahapanchayat: दिल्ली में आज पहलवानों की 'महिला महापंचायत', राकेश टिकैत ने दी UP पुलिस को चेतावनी
भिवानी में किसान और सामाजिक संगठनों को पहलवानों के प्रदर्शन में शामिल होने से रोक दिया गया, जिसके बाद किसान सभा ने सरकार पर तानाशाही करने का आरोप लगाया है. रेसलर्स के समर्थन में जा रहे लोगों ने कहा कि आज देश के हालात 1975 के आपातकाल से भी बुरे हो गये हैं, प्रजातंत्र का गला घोट दिया है. जितनी ताकत से सरकार दमन पर उतरेगी, उतनी ही वह जनता से अलग-थलग पड़ेगी और उसका जनाधार कम होगा. लोगों ने कहा कि यह देश की बेटियों के सम्मान की लड़ाई है और उनके सम्मान के लिए किसान-मजदूर सर्वस्व कुर्बानी देने के लिए आगे आएगा. जब तक आरोपी गिरफ्तार नहीं होगा और बेटियों को न्याय नहीं मिलेगा तब तक संघर्ष और आन्दोलन तेज होता जाएगा.
जनपथ मेट्रो स्टेशन के बाहर प्रदर्शन
पुलिस द्वारा प्रदर्शन में शामिल होने के लिए पहुंच रहे लोगों को हिरासत में लेने और जतंर-मंतर खाली कराने के बाद अब पहलवानो के समर्थन में जनपथ मेट्रो स्टेशन के बाहर प्रदर्शन किया जा रहा है.