उत्तरी भारत में सोमवार को मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जा रहा है. इस दिन लोग मंदिरों और गरीब लोगो को दान करने से पहले नदियों में आस्था व पौराणिक मान्यताओं को मानते हुए स्नान करते है. मकर संक्रांति को दान देने और खिचड़ी का प्रसाद बाटने की परंपरा सदियों से चली आ रही है.
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Makar sankranti: दिल्ली के वजीराबाद इलाके में मकर संक्रांति के अवसर पर श्रद्धालुओं ने यमुना नदी में डुबकी लगाई. लोगों ने बताया कि मकर संक्रांति त्योहार के अवसर पर प्राचीन काल से ही दान देने और नदियों में स्नान करने की परंपरा चली आ रही है. आज भी लोग बड़ी आस्था और श्रद्धा के साथ मकर संक्रांति के त्योहार को मानते हैं. मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं. यह बहुत ही पुण्य और पावन तिथि है. इसे देवताओं का दिन भी कहा जाता है. इस दिन से सूर्य दक्षिणायण से उत्तरायण में आ जाते हैं.
मकर संक्रांति को लेकर हिंदू धर्म के लोगों में है बड़ी आस्था
इसके साथ लोगों ने बताया कि पिछले कुछ समय से हिंदुओं के त्योहार भी दो बार मनाए जा रहे हैं. कुछ लोगों ने मकर संक्रांति के अवसर पर कल नदियों में डुबकी लगाई और मंदिरों में गरीब लोगों को दान दिया. वहीं कुछ लोग आज भी मकर संक्रांति का त्योहार को मना रहे हैं. इस त्यौहार की हिंदू धर्म के लोगों में बड़ी आस्था है और लोग भारत में अपने-अपने तरीके और अपनी-अपनी परंपरा और पौराणिक मान्यताओं के आधार पर त्योहार को मना रहे हैं.
इस दिन होती है मोक्ष की प्राप्ति
आपको बता दें कि मकर संक्रांति को शास्त्रों में उत्तरायण का समय माना गया है. इस दिन को देवताओं का दिन उत्तरायण और दक्षिणायन को देवताओं की रात माना जाता है. साथ ही मकर संक्रांति धार्मिक महत्व भी रखती है. लोग गंगा यमुना जैसी पवित्र नदियों में स्नान कर सूर्य देव की प्रार्थना करते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस दिन जो भी व्यक्ति पवित्र जल में डुबकी लगाते हैं. उनके पाप धुल जाते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है.
इनपुट: नसीम अहमद