Haryana Dsp Murder Case: हरियाणा के मेवात में अवैध खनन माफिया ने डंपर से कुचलकर DSP सुरेंद्र सिंह बिश्नोई की हत्या कर दी थी, जिसके बाद आज शहीद का उनके पृतक गांव में अंतिम संस्कार किया जाएगा, लेकिन इस दौरान शहीद को जलाया नहीं बिश्नोई समाज की परंपरा के अनुसार दफनाया जाएगा, जिसकी सभी तैयारियां कर ली गई हैं.  


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बिश्नोई समाज का इतिहास
जांबाजी ने राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र में सूखे के बाद बिश्नोई संप्रदाय की स्थापना की थी. बिश्नोई शब्द की उत्पति 20+9 = बिश्नोई से हुई है. इन्हें 29 सिद्धांतों का पालन करने वाला समुदाय माना जाता है, जिसमें भगवान विष्णु (बिष्णु) की पूजा और जानवरों की हत्या और पेड़ों की कटाई पर प्रतिबंध था. 


बिश्नोई समाज में अंतिम संस्कार का नियम
 शहीद DSP सुरेंद्र सिंह के भाई ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बिश्नोई समाज में हिन्दूओं कि तरह शव को जलाया नहीं जाता, बल्कि कच्ची कब्र खोदकर उसमें दफनाया जाता हैं. परिवार के नियम के अनुसार मृत व्यक्ति को उसकी ही जमीन में मिट्टी दी जाती है. इसलिए शहीद DSP को भी उनके गांव की जमीन में मिट्टी दी जाएगी. 


अशोक चक्र देने की मांग
DSP सुरेंद्र सिंह बिश्नोई की हत्या के बाद उनके गांव और बिश्नोई समाज के लोगों के द्वारा उन्हें अशोक चक्र देने की मांग की जा रही है. साथ ही डीएसपी सुरेंद्र के नाम पर खेल स्टेडियम और शहीद स्मारक बनाए जाने की मांग भी की गई है. 


Watch Live TV