MCD Budget 2025-26: 17,000 करोड़ का होगा अगला बजट! स्वच्छता, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र पर रहेगा ज्यादा फोकस
Budget: MCD के आयुक्त अश्विनी कुमार ने मंगलवार को 2024-25 के संशोधित बजट और 2025-26 के प्रस्तावित बजट को मंजूरी दे दी. इसे स्टैंडिंग कमेटी के सामने ले जाने से पहले नगर निगम सचिव के पास भेजा गया है.
Delhi News: दिल्ली नगर निगम (MCD) ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए लगभग 17,000 करोड़ रुपये के विस्तारित बजट का प्रस्ताव रखा है. सूत्रों के मुताबिक आगामी बजट में स्वच्छता, स्वास्थ्य, शिक्षा और बागवानी क्षेत्र को आवंटित राशि बढ़ने की उम्मीद है. MCD के आयुक्त अश्विनी कुमार ने मंगलवार को 2024-25 के संशोधित बजट और 2025-26 के प्रस्तावित बजट को मंजूरी दे दी. इसे स्टैंडिंग कमेटी के सामने ले जाने से पहले नगर निगम सचिव के पास भेजा गया है. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने स्टैंडिंग कमेटी के गठन को चुनौती देने वाली याचिका पर अभी तक फैसला नहीं सुनाया है ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि नगर आयुक्त इस साल फिर से बजट पेश कर सकते हैं.
राजस्व बढ़ाने पर फोकस
दिल्ली नगर निगम राजस्व बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, विशेष रूप से संपत्ति कर और विज्ञापनों से. 2025-26 के लिए प्रॉपर्टी टैक्स से 4,000 करोड़ रुपये की आय का लक्ष्य रखा गया है, जबकि पिछले वर्ष के संशोधित अनुमान 3,121 करोड़ रुपये का था. अब तक इस मद में 1,692 करोड़ रुपये एकत्र किए गए हैं. विज्ञापन क्षेत्र के लिए 700 करोड़ रुपये का प्रस्तावित लक्ष्य है, जो पिछले बजट में निर्धारित 300 करोड़ रुपये से दोगुना है.
स्वच्छता और शिक्षा का प्रस्तावित बजट
एमसीडी के प्रस्तावित बजट में स्वच्छता के लिए 4,907 करोड़ रुपये का आवंटन किया जा सकता है, जो 2024-25 के संशोधित अनुमान 4,305 करोड़ रुपये से अधिक है. इसी तरह शिक्षा क्षेत्र को 1,663 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है, जो वर्तमान के अनुमानित 1,645 करोड़ रुपये से थोड़ा अधिक है. स्वास्थ्य बजट भी 1,814 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,832 करोड़ रुपये होने की संभावना है. इसके अलावा दिल्ली में हरियाली बढ़ाने के लिए बागवानी विभाग को 393 करोड़ रुपये आवंटित होने की संभावना है.
बजट पेश करने की प्रक्रिया
MCD के नियमों के अनुसार नगर आयुक्त को 10 दिसंबर तक बजट प्रस्ताव स्टैंडिंग कमेटी के समक्ष पेश करना जरूरी है. ये प्रस्ताव वार्ड कमेटियों और स्टैंडिंग कमिटी में चर्चा के बाद अंतिम स्वीकृति के लिए सदन में पेश किया जाता है. इस वर्ष, जनवरी तक बजट पेश न होने की संभावना दिखाई दे रही है, सुप्रीम कोर्ट ने मौजूदा अनिश्चितताओं पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं की है.