Delhi: मोहन भागवत के तीन बच्चों वाले बयान पर शिवसेना नेता बोले, आप ये ज्ञान पीएम को दें कि...
Shiv Sena: शिवसेना (UBT) प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा, पीएम आपकी बात बहुत मानते हैं. पीएम को समझाएं कि जितने बच्चे पैदा हो गए, उन्हीं को नौकरी मिल जाए. आज भी 80 करोड़ लोग जब लाइन में खड़े होकर राशन लेते हैं तो अच्छा नहीं लगता है.
Shiv Sena Reaction: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के तीन बच्चों वाले बयान पर शिवसेना (UBT) प्रवक्ता आनंद दुबे ने सोमवार को उन्हें अच्छी खासी नसीहत दे डाली. उन्होंने कहा, देश के लोग तो अब तक हम दो, हमारे दो ही सुनते आए हैं, लेकिन आप तीन बच्चे पैदा करने की बात कह रहे हैं. आनंद दुबे ने कहा, आज देश को आपके ज्ञान की जरूरत नहीं , देश की जरूरत इस बात की है कि ये ज्ञान आप पीएम नरेंद्र मोदी को दीजिए कि हमारे देश की जीडीपी कैसे बढ़ाई जाए. राष्ट्र आत्मनिर्भर कैसे बने, हर साल रोजगार के 2 लाख अवसर कैसे पैदा किए जाएं.
आनंद दुबे ने मोहन भागवत से कहा, पीएम आपकी बात बहुत मानते हैं, क्योंकि आप सरकार के भी ऊपर हैं, ऐसा लोग कहते हैं तो आप पीएम नरेंद्र मोदी को समझाएं कि जितने बच्चे पैदा हो गए, उन्हीं को नौकरी मिल जाए. जितनी आबादी है, वही खुशियों से भर जाए. आनंद दुबे ने कहा, आज भी 80 करोड़ लोग जब लाइन में खड़े होकर राशन लेते हैं भागवत जी! तो अच्छा नहीं लगता है. ये भी देश के ही बच्चे हैं तो अपना ये ज्ञान प्रधानमंत्री और उनके मंत्रिमंडल को दें.
भागवत ने क्या कहा था?
दरअसल नागपुर में रविवार को आयोजित एक सम्मेलन में आरआरएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि परिवार समाज का हिस्सा है और हरेक परिवार इसकी इकाई है. हमारे देश की जनसंख्या नीति कहती है कि जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 से नीचे नहीं होनी चाहिए. अगर जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 % से नीचे चली गई तो समाज को बर्बाद करने की जरूरत नहीं, वह स्वयं ही नष्ट हो जाएगा. इसलिए कम से कम तीन बच्चे पैदा करना बेहद जरूरी है.
मोदी के गुलाम हैं एकनाथ शिंदे
महाराष्ट्र से सीएम पद को लेकर आनंद दुबे ने कहा, एकनाथ शिंदे और अजित पवार पीएम मोदी के 'गुलाम' हैं और उन्हें पीएम मोदी से ही समझौता करना है...एकनाथ शिंदे में नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को चुनौती देने की हिम्मत नहीं है. मतगणना के नौ दिन से ज्यादा हो गए हैं जब महाराष्ट्र सरकार ने शपथ नहीं ली है. लोगों ने उन्हें इतना बड़ा जनादेश दिया है लेकिन दुर्भाग्य से महाराष्ट्र की जनता के साथ अन्याय हो रहा है.
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