Monkey Pox: WHO ने मंकी पॉक्स के प्रकोप को अंतर्राष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है. जिसके बाद राज्य के अस्पतालों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. इसी कड़ी में मंगलवार को दिल्ली के एम्स अस्पताव ने संदिग्ध मंकीपॉक्स के मरीजों के इलाज के लिए प्रोटोकॉल जारी किया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

वैसे तो स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली में तीन केंद्र-प्रशासित अस्पतालों- राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज को एमपॉक्स रोगियों के आइसोलेशन, प्रबंधन और इलाज के प्रमुख केंद्र बनाया है. 


मंकी पॉक्स के रोगियों को संभालने के लिए प्रोटोकॉल
1. ट्राइएज क्षेत्र में स्क्रीनिंग: संदिग्ध मंकी पॉक्स वाले रोगियों को संभालने के लिए ट्राइएज क्षेत्र में स्क्रीनिंग होनी चाहिए. मरीज के जिन्हें बुखार, दाने, या पुष्टि किए गए मंकी पॉक्स मामलों के संपर्क के इतिहास वाले रोगियों को तत्काल मूल्यांकन के लिए चिह्नित किया जाना चाहिए.
मंकी पॉक्स प्रमुख लक्षणों को पहचानें: बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, सूजी हुई लिम्फ नोड्स, ठंड लगना, थकावट, और विशेष त्वचा के घाव (मैकुलोपापुलर दाने जो पुटिकाओं और फुंसियों में बदल सकते हैं).


2. आइसोलेशन: अन्य रोगियों और कर्मचारियों के साथ संपर्क को कम करने के लिए संदिग्ध रोगियों को तुरंत आइसोलेशन में रखें. एम्स में एबी-7 बेड नं. 33, 34, 35, 36 और 37 को मंकी पॉक्स के मरीजों को अलग करने के लिए रखा गया है. ये बिस्तर आपातकालीन सीएमओ की सिफारिश पर मंकी पॉक्स रोगियों को आवंटित किए जाएंगे और मेडिसिन विभाग द्वारा इलाज किया जाएगा. एबी-7 रोगी के लिए एक अस्थायी होल्डिंग क्षेत्र रहेगा. जब तक कि उसे निश्चित देखभाल के लिए निर्धारित अस्पताल ( सफदरजंग अस्पताल) में स्थानांतरित नहीं किया जाता है.


3. IDSP को सूचित करना:
किसी संदिग्ध मामले की पहचान होने पर एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) के अधिकारियों को संपर्क नंबर 8745011784  के साथ सूचित करें. उन्हें रोगी का विवरण, संक्षिप्त इतिहास, नैदानिक ​​निष्कर्ष और संपर्क विवरण प्रदान करें.


ये भी पढ़ें: M-Pox Virus: भारत में भी मंकी पॉक्स का 'डर'; बॉर्डर पर विशेष निगरानी, अस्पतालों को निर्देश


4. सफदरजंग अस्पताल में रेफर: जैसा कि सफदरजंग अस्पताल को मंकी पॉक्स के रोगियों के प्रबंधन और इलाज के लिए नामित किया गया है. मंकी पॉक्स के संदेह वाले किसी भी मरीज को आगे के मूल्यांकन और इलाज के लिए सफदरजंग अस्पताल भेजा जाना चाहिए. 


5. एम्बुलेंस: मरीजों को सफदरजंग अस्पताल में स्थानांतरित करने के लिए एक समर्पित एम्बुलेंस आवंटित की गई है. संदिग्ध मंकी पॉक्स मरीज को सफदरजंग अस्पताल में स्थानांतरित करने के लिए आपातकालीन कर्मचारियों को एम्बुलेंस समन्वयक को मोबाइल नंबर 8929683898 पर सूचित करना होगा.


6. मरीज की देखभाल और आइसोलेशन: सभी रोगियों को सख्त संक्रमण नियंत्रण उपायों के साथ संभाला जाना चाहिए. साथ ही संदिग्ध मामलों से निपटने के दौरान कर्मचारियों को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) का उपयोग करना चाहिए.


7. दस्तावेजीकरण और कम्युनिकेशन: रोगी की पूरी जानकारी, लक्षण और रेफर करने की प्रक्रिया का उचित दस्तावेजीकरण रखा जाना चाहिए. 


लेटेस्ट और ट्रेंडिंग Delhi News पढ़ने के लिए Zee Delhi NCR Haryana को फॉलो करेंं। ब्रेकिंग न्यूज़ और टॉप हेडलाइंस Zee Delhi Live TV पर देखें।