Monkey pox Virus: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बांग्लादेश और पाकिस्तान से लगे हवाई अड्डों और सीमा चौकियों को एमपॉक्स (Mpox) के लक्षण दिखाने वाले अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के प्रति सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं. साथ ही मंत्रालय ने दिल्ली में तीन केंद्र-प्रशासित अस्पतालों- राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज - को एमपॉक्स रोगियों के आइसोलेशन, प्रबंधन और उपचार के प्रमुख केंद्रों के रूप में चिह्नित किया है.


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मजबूत निगरानी के लिए दिए आदेश
मंत्रालय ने राज्य सरकारों को भी अपने-अपने क्षेत्रों में ऐसे अस्पतालों की पहचान और नामित करने के निर्देश दिए गए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने अधिकारियों को निगरानी मजबूत करने और एमपॉक्स मामलों की त्वरित पहचान के लिए प्रभावी उपाय लागू करने के निर्देश दिए हैं. देशभर में 32 प्रयोगशालाएं एमपॉक्स की जांच के लिए तैयार की गई हैं.


राष्ट्रीय तैयारियों पर उच्च स्तरीय बैठक
प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी. के. मिश्रा ने रविवार को एमपॉक्स के लिए देश की तैयारियों का आकलन करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें त्वरित पहचान सुनिश्चित करने के लिए निगरानी को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया. हालांकि भारत में फिलहाल एमपॉक्स के कोई मामले सामने नहीं आए हैं, लेकिन अधिकारियों ने संकेत दिया कि व्यापक संक्रमण का खतरा कम है.


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व्यापक प्रचार पर दिया जोर
प्रधान सचिव ने बचाव और उपचार प्रोटोकॉल को व्यापक रूप से प्रचारित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया. उन्होंने स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने वालों को एमपॉक्स के लक्षणों की पहचान करने और समय पर रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला.


विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जारी किया आपातकाल
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एमपॉक्स को अंतर्राष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (PHEIC) घोषित किया है, क्योंकि यह कई अफ्रीकी देशों में तेजी से फैल रहा है. एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि वर्तमान में वायरस का जो स्ट्रेन फैल रहा है, वह अधिक संक्रामक और घातक है, लेकिन भारत में बड़े पैमाने पर संक्रमण की संभावना अभी भी कम है. WHO के अनुसार, 2022 से अब तक 116 देशों में 99,176 मामले और 208 मौतें दर्ज की गई हैं. 2023 में विश्व स्तर पर रिपोर्ट किए गए मामलों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जिसमें इस साल अब तक 15,600 से अधिक मामले और 537 मौतें हो चुकी हैं. 2022 से अब तक भारत में 30 एमपॉक्स मामले सामने आए हैं, जिसमें आखिरी मामला मार्च 2024 में दर्ज किया गया था.