कुलवंत सिंह/यमुनानगर: अक्सर बचपन में दादा-दादी और मां-बाप बच्चों को चांद तारो की कहानियां सुनाते हैं. वंही चांद पर जमीन खरीदने का ख्वाब भी हर कोई देखता है. मगर सच बहुत ही कम लोगों के होता है, लेकिन यमुनानगर के रहने वाले सुभाष चंद्र के बेटे आयुष ने नामुमकिन सा दिखने वाले सपने को हकीकत में बदल दिया. सुभाष चंद्र के घर जब चांद पर खरीदी गई 3 एकड़ जमीन के दस्तावेज पहुंचे तो उन्हे कुछ समझ नहीं आया, लेकिन जैसे ही बेटे को फोन कर पूछा तो उसने बताया कि मैंने आपके लिए चांद पर 3 एकड़ जमीन खरीदी है. ये उसी की रजिस्ट्री और बोर्डिंग पास है. हरियाणा में यमुनानगर का आयुष अपने मां-बाप को चांद पर जमीन देने वाला सबसे पहला युवक बना.


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कनाडा में रहने वाले बेटे की तरफ से दिए गए इतने बड़े गिफ्ट को सुनकर सुभाष चंद्र और उनकी पत्नी रेखा को विश्वास नहीं हुआ. जब उन्होंने दोबारा दस्तावेज देखे तब जाकर उन्हें न सिर्फ विश्वास हुआ बल्कि बेटे पर बड़ा फक्र भी हुआ. सुभाष चंद्र ने बताया कि मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मेरा बेटा मुझे जिंदगी में इतना बड़ा तोहफा देगा. जैसे ही ये बात आसपास के लोगों या रिश्तेदारों को पता चला कि सभी उनके घर बधाई देने आने लगे. परिवार के लोग बेहद खुश हैं. सुभाष चंद्र की पत्नी रेखा ने बताया कि बेटे ने इतना बड़ा गिफ्ट दिया है कि हम सोच भी नहीं सकते.


कहते हैं न कि शौक और गिफ्ट की कोई कीमत नहीं होती. ऐसे ही चांद पर खरीदी 3 एकड़ जमीन की कीमत तो नहीं पता, लेकिन इतन बड़े सरप्राइज ने सुभाष चंद्र को हरियाणा का पहला ऐसा व्यक्ति बना दिया है, जिसने चांद पर जाकर जमीन की रजिस्ट्री कराई है. नासा की तरफ से इसकी रजिस्ट्री कराई गई है.