Neeraj Chopra: नीरज पर टिकी रहीं निगाहें और 'सोना' ले गए अरशद नदीम, हरियाणा के छोरे ने जीता सिल्वर
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Neeraj Chopra: नीरज पर टिकी रहीं निगाहें और 'सोना' ले गए अरशद नदीम, हरियाणा के छोरे ने जीता सिल्वर

Arshad Nadeem Won Gold: नीरज चोपड़ा को आदर्श मानने वाले अरशद नदीम टोक्यो ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहे थे और इस बार उन्होंने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए पहला स्थान प्राप्त किया.

Neeraj Chopra: नीरज पर टिकी रहीं निगाहें और 'सोना' ले गए अरशद नदीम, हरियाणा के छोरे ने जीता सिल्वर

Neeraj Chopra: पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत के 'गोल्डन बॉय' नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल जीतने की उम्मीदें जगाई थीं, लेकिन 89.45 मीटर का थ्रो कर वह दूसरे स्थान पर रहे. इस सीजन का बेस्ट प्रदर्शन कर हरियाणा के छोरे ने भारत को सिल्वर मेडल दिलाया. वहीं पड़ोसी देश पाकिस्तान के अरशद नदीम ने 92.97 मीटर का रिकॉर्ड थ्रो कर गोल्ड जीता. तीसरे स्थान पर ग्रेनाडा के खिलाड़ी रहे.

इससे पहले नीरज ने भाला फेंक प्रतिस्पर्धा के क्वालिफिकेशन राउंड में 89.34 मीटर थ्रो कर गोल्ड जीतने की उम्मीद जगाई थी, लेकिन फाइनल में पकिस्तान ने बाजी मार ली. आखिरी बार पाकिस्तान ने 1992 में ओलंपिक पदक जीता था. 32 साल बाद ओलंपिक में पहला मेडल जीता.

नीरज चोपड़ा की जीवनी
नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा के पानीपत के खंडरा गांव में हुआ था. उन्होंने एक छोटे से गांव से लेकर वैश्विक मंच अपने दृढ़ संकल्प की कहानी लिखी है. नीरज का प्रारंभिक जीवन एक साधारण कृषि-आधारित परिवार में बीता, जहां वे ग्रामीण परंपराओं में रचे-बसे थे, लेकिन उनकी महत्वाकांक्षाएं उनके गांव की सीमाओं से कहीं आगे तक फैली थीं.

मोटापे की वजह से कहा गया 'सरपंच'
बचपन में, नीरज को मोटापे की समस्या का सामना करना पड़ा, जो उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ बन गई. उनके परिवार ने उनके मोटापे को कम करने के लिए  पानीपत के जिम में दाखिला दिलाया, जहां उन्होंने अपनी फिटनेस में सुधार किया और यहीं से शुरू हुआ जैवलिन के शानदार कहानी. नीरज चोपड़ा की जैवलिन थ्रो की प्रतिभा को सबसे पहले पानीपत स्पोर्ट्स अथॉरिटी के जयवीर चौधरी ने पहचाना. उन्होंने नीरज के शुरुआती करियर में उनके कोच और मार्गदर्शक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. दक्षिण एशियाई खेलों में नीरज के शानदार प्रदर्शन के बाद उन्हें राजपुताना राइफल्स में जूनियर कमीशन अधिकारी (JCO) के रूप में नियुक्त किया गया, जहां वे वर्तमान में नायब सूबेदार के पद पर कार्यरत हैं. प्रसिद्ध कोच उवे होन के मार्गदर्शन में, नीरज की कठोर ट्रेनिंग और समर्पण ने उन्हें दुनिया के शीर्ष जैवलिन थ्रोअर में स्थान दिलाया.

जानें नीरज का करियर
2021 में आयोजित टोक्यो 2020 ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने पुरुषों की जैवलिन थ्रो कंपटिशन में कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना किया. हालांकि वे स्वर्ण पदक के लिए प्रमुख दावेदार नहीं माने जा रहे थे, लेकिन उन्होंने क्वालीफाइंग राउंड में 86.65 मीटर की थ्रो के साथ सबको चौंका दिया. फाइनल में भी उन्होंने अपनी श्रेष्ठता साबित करते हुए 87.58 मीटर की थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता, जिससे वे ट्रैक और फील्ड में ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट बन गए.

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