Nepal Earthquake: नेपाल में शुक्रवार रात 6.4 की तीव्रता का भूकंप आया, जिसके झटके दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में भी महसूस किए गए. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने यह जानकारी दी. एनसीएस के मुताबिक, भूकंप का केंद्र नेपाल में 10 किलोमीटर की गहराई में था. दिल्ली-एनसीआर में लोगों ने भूकंप के तेज झटके महसूस किए और अपने घरों से बाहर निकल आए. बीते एक महीने में यह तीसरी बार है, जब नेपाल में भूकंप के तेज झटके आए हैं. 


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घर से बाहर निकले लोग
रात करीब 11 बजकर 32 मिनट पर आए भूकंप के कारण लोगों को अपने घरों से बाहर निकलना पड़ा. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान (एनसीएस) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र नेपाल में अयोध्या से लगभग 227 किलोमीटर उत्तर और काठमांडू से 331 किलोमीटर पश्चिम उत्तर-पश्चिम में 10 किलोमीटर की गहराई में था. गुरुग्राम के निवासी इंद्रजीत सिंह ने कहा, "जब हम टेलीविजन देख रहे थे, तभी काफी देर तक झटके महसूस हुए." गाजियाबाद के रहने वाले गोपाल ने कहा कि झटके 15 सेकंड से ज्यादा देर तक महसूस हुए. उन्होंने कहा, "मुझे खिड़की के शीशे की खड़खड़ाहट भी सुनाई दी."


एक महीने में तीसरी बार भूकंप
यह तीसरी बार है, जब नेपाल में तेज भूकंप आया है. भूकंप के झटके दिल्ली से सटे नोएडा और ग्रेटर नोएडा के कुछ हिस्सों में भी महसूस किए गए, जिसके चलते ऊंची इमारतों में रहने वाले कई लोग बाहर निकल आए. नोएडा सेक्टर-76 में एक ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी के निवासी प्रत्यूष सिंह ने कहा, "वास्तव में बहुत तेज झटके महसूस हुए. यह एक बेहद डरावना एहसास था." भूकंप के झटके उत्तर प्रदेश के लखनऊ, बस्ती, बाराबंकी, फिरोजाबाद, अमेठी, गोंडा, प्रतापगढ़, भदोही, बहराइच, गोरखपुर और देवरिया जिलों के अलावा बिहार के कटिहार, मोतीहारी तथा पटना में भी महसूस किए गए.


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128 लोगों की मौत
भूकंप के तेज झटकों के कारण कम से कम 128 लोगों की मौत हो गई है. 'नेपाल टेलीविजन' के अनुसार, पश्चिमी नेपाल के जाजरकोट और रुकुम जिलों में 80 लोगों की मौत हो गई और 140 से अधिक लोग घायल हो गए. भूकंप के कारण देश में कम से कम 128 लोगों की मौत हुई है. देश में आए 6.4 तीव्रता वाले भूकंप का केंद्र जाजरकोट जिले के लामिडांडा में था. शुक्रवार रात में आए भूकंप का असर काठमांडू, इसके आसपास के जिलों और यहां तक कि पड़ोसी देश भारत की राजधानी नई दिल्ली तक महसूस किया गया. अधिकारियों ने बताया कि नेपाल कि प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल 'प्रचंड' शनिवार सुबह एक चिकित्सकीय दल के साथ घटना स्थल रवाना हुए. उन्होंने बताया कि नेपाल सेना और नेपाल पुलिस को बचाव कार्य में लगाया गया है.