अगर आने वाले समय में ये सिस्टम लागू होता है तो फिर कुछ घंटे दफ्तर और कुछ घंटे घर से काम करके लोग रोज के 12 घंटे पूरे कर सकते हैं. इसी तरह घर से काम करने वाले 6-6 घंटे के 2 ब्रैकेट या 4-4-4 घंटे के 3 ब्रैकेट में काम कर सकते हैं. इससे सभी कर्मचारियों के 12 घंटे पूरे हो सकते हैं एक साथ काम करने से उन्हें तनाव और थकान महसूस नहीं होगी.
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New Labor Codes: कोरोना काल (Corona) में लगे लॉकडाउन में लोगों की नौकरी और कंपनियों को बचाने के लिए सरकार ने वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) ने सबसे बड़ा रोल निभाया है. क्योंकि, कोरोना की वजह से लोगों को घर से निकले के लिए मना किया गया था और उन दिनों लोग घर से काम करते रहे.
बता दें कि इस सुविधा का सबसे ज्यादा लाभ IT सेक्टरों के कर्मचारियों को सबसे ज्यादा फायदा मिला. लेकिन, अब यही कंपनियां वर्क फ्रॉम होम को खत्म करने जा रही है. वहीं, TCS ने तो अपने सभी कर्मचारियों को वापस ऑफिस आने के लिए कह दिया है. इसी के साथ Apple ने भी वर्क फ्रॉम होम खत्म करने जा रही है.
अब बदलेगा नौकरी करने का अंदाज
लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस सुझाव के बाद इन कंपनियों को अपनी रणनीति को बदलने पर मजबूर कर सकती है. क्योंकि पीएम मोदी की इस सलह के बाद देश में नौकरी करने का तरीका बदल सकता है. पिछले काफी समय से नए लेबर कोड (new labor code) पर काम चल रहा है और जल्द ही इसे लागू करने की योजना बनाई जा रही है, लेकिन कई डेडलाइन बीतने के बाद भी इसे लागू नहीं किया गया है.
लेबर कोड के मुताबिक, कर्मचारियों को हफ्ते में 3 वीकली ऑफ देने का प्रावधान है. मगर बाकी 4 दिन उन्हें 12-12 घंटे काम करना होगा. इसका मतलब 12 घंटे के बाद ऑफिस से घर आने-जाने के समय को मिलाकर 14 से 15 घंटे बाहर बिताने होंगे और इसी परेशानी से बचने के लिए सरकार वर्क फ्रॉम होम यानी की इकोसिस्टम को बढ़ावा देने का काम करेगी.
बदल रहा है नौकरी का नेचर
पीएम मोदी ने इस योजना के तहत कहा कि वर्क फ्रॉम होम इकोसिस्टम, फ्लेक्सिबल वर्क प्लेसेज और फ्लेक्सिबल वर्किंग घंटे भविष्य की जरूरतें हैं. अपने तर्क का समर्थन करते हुए पीएम ने कहा है कि पहली तीन औद्योगिक क्रांतियों का फायदा उठाने में भारत पीछे छूट गया है. इसलिए मौजूदा चौथी औद्योगिक क्रांति का फायदा लेने के लिए हमें तुरंत फैसले लेने और उन्हें तेजी से लागू करने पर काम करना होगा.
पीएम ने कहा कि बदलते हुए समय के साथ जिस तरह से नौकरियों का नेचर बदल रहा है उसको हम सब देख रहे हैं. यानी तेजी से बदलती दुनिया में इसका फायदा लेने के लिए हमें भी उसी स्पीड से तैयार होना होगा.
4 दिन 12 घंटे काम और 3 दिन भरपूर आराम
अगर आने वाले समय में ये सिस्टम लागू होता है तो फिर कुछ घंटे दफ्तर और कुछ घंटे घर से काम करके लोग रोज के 12 घंटे पूरे कर सकते हैं. इसी तरह घर से काम करने वाले 6-6 घंटे के 2 ब्रैकेट या 4-4-4 घंटे के 3 ब्रैकेट में काम कर सकते हैं. इससे सभी कर्मचारियों के 12 घंटे पूरे हो सकते हैं एक साथ काम करने से उन्हें तनाव और थकान महसूस नहीं होगी. इसके बाद वो तीन दिनों का साप्ताहिक अवकाश ले सकते हैं. इस नियम से टूरिज्म को भी फायदा मिल सकता है.
इकोनॉमी पकड़ेगी रफ्तार
हफ्ते में 3 अवकाश मिलने से कोई भी कर्मचारी 3 दिनों तक घर में तो नहीं रहेंगे. इस बीच लोग मूवी-रेस्टोरेंट और सिंगल डे ट्रिप का प्लान कर सकता है. इस दौरान वो जो भी खर्च करेंगे. उससे भारतीय इकोनॉमी को मजबूती मिलेगी. 2-3 दिन की ट्रिप पर बाहर जा सकते हैं तो उससे टूर एंड ट्रैवल समेत पूरे हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को भी बड़ा फायदा मिलेगा.
15 अगस्त पर लाल किले से अपने संबोधन में पीएम ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य तय किया था. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पीएम ने वर्क फोर्स में महिलाओं की हिस्सेदारी को बढ़ाने पर जोर दिया है. पीएम का कहना है कि फ्लेक्सिबल वर्किंग आवर्स को अपनाकर भारत अपनी नारी शक्ति का बेहतर इस्तेमाल कर सकता है जिसकी भविष्य की जरूरत है.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि 'देश का श्रम मंत्रालय अमृतकाल में 2047 तक के लिए अपना विजन भी तैयार कर रहा है. भविष्य की जरूरत वर्कफ्रॉम होम इकोसिस्टम, फ्लेक्सिबल वर्क प्लेसेज और फ्लेक्सिबल वर्किंग आवर्स है. हम फ्लेक्सिबल वर्क प्लेसेज जैसे तंत्र को महिला श्रमशक्ति की हिस्सेदारी के लिए मौके के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं. पीएम ने आगे कहा कि देश में नए उभर रहे सेक्टर्स में महिलाओं के लिए क्या कुछ और कर सकते हैं, हमें इस दिशा में भी सोचना होगा.