Popular Front of India: देशभर में आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA)और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के द्वारा देश के 11 राज्यों में PFI के ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है. इस छापेमारी में अभी तक देशभर में 100 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. टेरर फंडिंग के खिलाफ इसे अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है. 


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क्या है पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI)
साल 2006 में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (NDF) की शुरुआत हुई, जिसके बाद इसमें में कई मुस्लिमों संगठनों जैसे मनीथा नीति पसराय, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और राष्ट्रीय विकास मोर्चा जैसे संगठनों का विलय हो गया और इसे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) नाम दिया गया. इस संगठन के बनने के साथ ही इसका नाम विवादों में रहा है, इस पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप भी लगता रहा है, जिसकी वजह से कई राज्यों में ये संगठन बैन है.


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PFI का अध्यक्ष गिरफ्तार
NIA और ED के द्वारा की जा रही इस छापेमारी में PFI के दिल्ली हेड परवेज अहमद को गिरफ्तार किया गया है, इसके साथ ही MP, लखनऊ, बिहार सहित कई राज्यों से अबतक 100 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. 


चार्जशीट में इन लोगों का नाम है शामिल
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA)और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के द्वारा पेश की गई चार्जशीट में  ए रऊफ शेरिफ,  कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अतीकुर रहमान, दिल्ली CFI के महासचिव मसूद अहमद, पीएफआई से जुड़े पत्रकार सिद्दीकी कप्पन और मोहम्मद आलम के नाम शामिल हैं


इन मामलों में भी सामने आया PFI का नाम
बिहार के बेगुसराय में गोलीकांड, कर्नाटक में भाजपा कार्यकर्ता की हत्या,  झारखंड ग्रूमिंग गैंग, उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या, दिल्ली और कानपुर दंगे सहित कई गतिविदियों में PFI के सदस्यों का नाम सामने आ चुका है.