Nithari Killings: सुरेंद्र कोली को बरी करने के हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई
Supreme Court Notice to Surendra Koli: सीबीआई ने 2006 में हुए इस हत्याकांड में हाईकोर्ट के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है. जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने सुरेंद्र कोली को नोटिस जारी किया है.
CBI Plea: निठारी हत्याकांड में सुरेंद्र कोली को बरी करने के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सीबीआई की याचिका पर सुनवाई के लिए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट सहमत हो गया. 2006 के सनसनीखेज हत्याकांड में हाईकोर्ट ने गत वर्ष 16 अक्टूबर को सुरेंद्र कोली को बरी कर दिया था. सीबीआई की ओर से दायर अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने सुरेंद्र कोली को नोटिस जारी किया है.
दरअसल निठारी हत्याकांड में सेशन कोर्ट ने 28 सितंबर, 2010 को मोनिंदर सिंह पंढेर को बरी कर दिया था, जबकि उसके नौकर सुरिंदर कोली को कई लड़कियों के रेप और मर्डर में दोषी ठहराया था. कोर्ट ने 10 से अधिक मामलों में कोली को मौत की सजा सुनाई थी. इसके बाद हाईकोर्ट ने कोली को राहत दी थी.
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सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई द्वारा दायर याचिकाओं पर पीड़ित लड़की के पिता की याचिका के साथ ही सुनवाई की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने इस साल मई में पीड़ित लड़कियों में से एक के पिता पप्पू लाल द्वारा दायर इसी तरह की अपील पर आरोपियों और उत्तर प्रदेश राज्य को नोटिस जारी किया था.
सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार और सीबीआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कोली एक "सीरियल किलर" था, जो युवा लड़कियों को लालच देता था और उनकी हत्या करता था. 2007 में पंढेर और कोली के खिलाफ कुल 19 केस दर्ज किए गए थे, लेकिन सबूतों के अभाव में सीबीआई ने तीन मामलों में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी थी. बाकी 16 मामलों में से कोली को पहले तीन केस में बरी कर दिया गया था और एक में उसकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया था.
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क्या है कहानी
29 दिसंबर 2006 को नोएडा के निठारी में पंढेर के घर के पीछे एक नाले से आठ बच्चों के कंकाल के अवशेष मिले थे. इसके बाद जब नाले की खुदाई की गई तो अवशेषों की संख्या बढ़ गई. अधिकतर अवशेष गरीब बच्चों और युवके थे जो इलाके से लापता हो गए थे.10 दिनों के भीतर सीबीआई ने मामले को अपने हाथ में ले लिया था.