Delhi News: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली के बुनियादी ढांचे को बदलने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं को क्रियान्वित करेगी. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं आपसे वादा करता हूं कि आने वाले दो सालों में 1 लाख करोड़ रुपये के काम किए जाएंगे. यह पूरी दिल्ली की सूरत बदल देगा. नमामि गंगे योजना के तहत, हमारे पास यमुना को साफ करने की कुछ योजनाएं हैं. 


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33 हजार करोड़ के पहले ही हो चुके है काम
हम सीवेज के पानी को यमुना में जाने से रोकने के लिए काम कर रहे हैं. लेकिन, चूंकि दिल्ली सरकार परियोजनाओं के लिए अपने हिस्से का पैसा नहीं दे रही है, इसलिए कुछ काम अभी भी होने बाकी हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सड़क और परिवहन मंत्रालय 65,000 करोड़ रुपये की परियोजना पर काम कर रहा है, जिसमें से 33,000 करोड़ रुपये के काम पहले ही पूरे हो चुके हैं. गडकरी ने बताया कि सड़क और परिवहन मंत्रालय आने वाले समय में 32,000 करोड़ के बचे हुए काम पूरे कर लेगा. 


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 सरकार दिल्ली में प्रदूषण का समाधान करने की कोशिश करेगी
उन्होंने कहा कि दिल्ली वायु प्रदूषण और ट्रैफिक जाम से बहुत परेशान है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, सड़क निर्माण मंत्रालय ने दिल्ली को प्रदूषण से मुक्त करने और भीड़भाड़ कम करने के लिए कई परियोजनाओं को शुरू किया और लागू किया है. गडकरी ने आगे कहा कि सरकार दिल्ली में प्रदूषण का समाधान करने की कोशिश करेगी. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार इलेक्ट्रिक बसें, कार और स्कूटर लेकर आई. क्योंकि दिल्ली का 40 प्रतिशत प्रदूषण जीवाश्म ईंधन के कारण होता है. हम सीएनजी (वाहन) भी लेकर आए और हम 5 साल में दिल्ली को प्रदूषण से मुक्त कर देंगे. उन्होंने कहा कि पराली जलाने में 20 प्रतिशत की कमी आई है, जो पंजाब, हरियाणा और आस-पास के इलाकों में 200 लाख टन जलाई गई. गडकरी ने कहा कि 400 परियोजनाओं में से कुल 60 संयंत्रों ने काम करना शुरू कर दिया है. 


उन्होंने कहा कि पराली जलाने में 20 प्रतिशत की कमी आई है. ऐसा इसलिए है क्योंकि अब इस पराली से सीएनजी का उत्पादन किया जा रहा है और 400 संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं, जिनमें से 60 पहले से ही चालू हैं. इसके परिणामस्वरूप, कचरे को संपदा में बदला जाएगा और ट्रक और बसें सीएनजी से चलेंगी. केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि सरकार ने पानीपत में एक परियोजना शुरू की है, जो पराली से 1 लाख लीटर इथेनॉल, 150 टन बायो-विटामिन और 78,000 टन विमानन ईंधन का उत्पादन करेगी. उन्होंने कहा कि इससे दिल्ली में प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी और इस तरह हम आयात पर बचत करेंगे, नए रोजगार सृजित करेंगे और किसानों के कल्याण में भी सुधार करेंगे.